सुकमा, 10 अप्रैल . छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में गुरुवार, (10 अप्रैल) को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) ने एक साथ चार जगहों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई तेंदूपत्ता बोनस से जुड़े कथित घोटाले की जांच के तहत की गई है. छापेमारी में पूर्व विधायक और सीपीआई नेता मनीष कुंजाम के घर के अलावा जगरगुंडा, पालाचलमा, कोंटा और एर्राबोर इलाकों में तेंदूपत्ता प्रबंधकों के घरों पर छापे मारे गए. सुबह से शुरू हुई इस कार्रवाई में टीमें अभी भी पूछताछ और दस्तावेजों की जांच में जुटी हैं.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी तेंदूपत्ता बोनस में कथित अनियमितताओं की शिकायतों के बाद शुरू हुई. तेंदूपत्ता संग्रह और इसके बोनस वितरण में गड़बड़ी की बात सामने आई थी, जिसके बाद एसीबी और ईओडब्ल्यू ने संयुक्त रूप से यह कदम उठाया. सुकमा और कोंटा इलाकों में सक्रिय तेंदूपत्ता प्रबंधकों पर नजर थी और अब उनके घरों से सबूत जुटाने की कोशिश की जा रही है. मनीष कुंजाम, जो सीपीआई के बड़े नेता और पूर्व विधायक हैं, उनके घर पर भी टीम ने दबिश दी. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि छापेमारी में क्या-क्या बरामद हुआ है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, टीमों ने सुबह से ही इन ठिकानों पर पहुंचकर दस्तावेजों की छानबीन शुरू की. स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई को लेकर चर्चा जोरों पर है. तेंदूपत्ता संग्रह छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में आजीविका का बड़ा साधन है और इसके बोनस में गड़बड़ी की शिकायतें पहले भी उठती रही हैं. इस मामले में बड़े नेताओं और प्रबंधकों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है.
एसीबी और ईओडब्ल्यू के अधिकारी अभी कुछ भी खुलकर नहीं बता रहे हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह जांच आगे और सख्त हो सकती है. मनीष कुंजाम समेत जिन लोगों के घर छापे पड़े हैं, उनसे पूछताछ जारी है. इस कार्रवाई से सुकमा में हड़कंप मच गया है. आने वाले दिनों में जांच के नतीजे सामने आने पर ही साफ होगा कि इस मामले में कितनी गहराई तक अनियमितताएं हुई हैं.
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एसएचके/एएस