एबीवीपी ने मांगों को लेकर जनजातीय कार्य और सामाजिक न्याय मंत्रालय को सौंपा ज्ञापन

नई दिल्ली, 22 जनवरी . अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी के नेतृत्व में जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार से मुलाकात की. इस दौरान एबीवीपी ने विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करते हुए दोनों मंत्रालयों को ज्ञापन सौंपा और सरकार से तत्काल कदम उठाने की अपील की.

ज्ञापन में एबीवीपी ने जनजातीय क्षेत्रों में स्कूली शिक्षा को मजबूत करने के लिए शिक्षकों की संख्या में वृद्धि करने, बेहतर शैक्षिक भवनों और खेल मैदानों जैसी सुविधाओं पर ध्यान देने की मांग की. साथ ही, जनजातीय क्षेत्रों में व्यावसायिक, तकनीकी और कृषि शिक्षा संस्थानों की स्थापना की भी अपील की. इसके अलावा, राष्ट्रीय प्रवासी/विदेशी छात्रवृत्ति योजना जैसी योजनाओं का विस्तार करने की भी मांग की गई.

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को सौंपे गए ज्ञापन में एबीवीपी ने एनएफओबीसी छात्रवृत्ति को नियमित करने और इसमें आने वाली परेशानियों को दूर करने की मांग की.

इसके अलावा, दृष्टिबाधित छात्रों के लिए सभी शिक्षण संस्थानों में ब्रेल सॉफ्टवेयर और किताबों की निःशुल्क उपलब्धता सुनिश्चित करने की भी अपील की गई. साथ ही, देश के प्रमुख शैक्षिक संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), जनजातीय वर्ग और अनुसूचित जाति (एससी) के वर्गों की रिक्त नियुक्तियों को शीघ्र भरने की मांग भी की गई.

डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि सभी वर्गों के विद्यार्थियों के उत्थान के लिए सरकार ठोस कदम उठाए, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में आ सकें और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित कर सकें.

उन्होंने आगे कहा कि एबीवीपी सामाजिक समरसता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार से आग्रह किया कि इस ज्ञापन में दी गई मांगों पर शीघ्र कार्यवाही की जाए.

इस दौरान दोनों मंत्रालयों की ओर से एबीवीपी के प्रतिनिधिमंडल से विस्तार से चर्चा की गई और सभी मांगों पर सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया गया.

पीएसके/एबीएम