लंदन . ब्रिटिश वैज्ञानिकों का कहना है कि लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान कोरोना संक्रमित मिले करीब 86 प्रतिशत लोगों ने इस महामारी (Epidemic) के लक्षण बुखार, खांसी, सूंघने या स्वाद की क्षमता खत्म होने की कोई शिकायत नहीं की.
यूनिवर्सिटी कालेज ऑफ लंदन के विशेषज्ञों का यह लेख शोध पत्र, ‘क्लिनिकल एपिडेमियोलॉजी’ नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ. शोधकर्ताओं का मानना है कि बिना लक्षण वाले मरीजों से गुपचुप तरीके से फैलने वाले साइलेंट ट्रांसमिशन को रोकने के लिए बड़े स्तर पर जांच अभियान चलाने की आवश्यकता है. इसी साइलेंट ट्रांसमिशन के कारण ही कोरोना के मरीज दुनिया भर में बढ़ते जा रहे हैं.
संस्थान के महामारी (Epidemic) विज्ञान और स्वास्थ्य विभाग की प्रोफेसर आइरीन पीटरसन ने कहा कि कोरोना पर काबू करने की रणनीति में बदलाव की आवश्यकता है. फिलहाल अधिक संख्या में जांच ही एकमात्र हथियार नजर आ रहा है, जिससे बिना लक्षण वाले मरीजों की पहचान की जा सके. उन्होंने कहा कि भविष्य में केवल लक्षण वाले व्यक्तियों की ही नहीं बल्कि ज्यादा बड़े स्तर पर बार-बार जांच करने की आवश्यकता होगी, विशेषकर उन स्थानों पर जहां संक्रमण का खतरा ज्यादा है या अधिक लोग एक साथ काम करते हैं.