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Mumbai , 29 अक्टूबर . Bollywood के रोमांटिक गानों के दौर में अगर किसी की आवाज ने शाहरुख खान के ऑनस्क्रीन रोमांस को और भी दिलकश बनाया, तो वह हैं अभिजीत भट्टाचार्य. उनकी मधुर आवाज ने शाहरुख के गानों में जान डाली और दर्शकों के दिलों में लंबे समय तक जगह बनाई.
शाहरुख के रोमांटिक गानों को अभिजीत की आवाज के बिना अधूरा माना जाता था. यही वजह है कि शाहरुख खान के रोमांस के बादशाह बनने में अभिजीत की अहम भूमिका रही है.
अभिजीत भट्टाचार्य का जन्म 30 अक्टूबर 1958 को उत्तर प्रदेश के Kanpur में हुआ था. वे एक बंगाली परिवार में जन्मे और चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. बचपन से ही उनकी रुचि गायकी में थी. छोटी उम्र से ही वे संगीत में दिलचस्पी रखते थे और 1970 में उन्होंने स्टेज पर गाने की शुरुआत कर दी. स्कूल और कॉलेज के दिनों में भी अभिजीत अक्सर श्रोताओं को अपनी आवाज से मंत्रमुग्ध करते थे.
1981 में अभिजीत ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई करने के लिए Mumbai का रुख किया, लेकिन उनका दिल हमेशा संगीत में था. Mumbai आने के बाद उनका करियर धीरे-धीरे सिंगिंग की ओर बढ़ा. उस समय उन्हें एक बेहद खास शख्सियत का फोन आया, जो उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. मशहूर संगीतकार आर.डी. बर्मन ने उन्हें देव आनंद के बेटे की फिल्म ‘आनंद और आनंद’ के लिए गाने का ऑफर दिया. इस अवसर से अभिजीत ने Bollywood की दुनिया में कदम रखा.
अभिजीत ने 1983 में फिल्म ‘मुझे इंसाफ चाहिए’ के लिए ‘प्रेम दूत आया’ गाना गाया. शुरुआती वर्षों में उन्हें कई छोटे-मोटे प्रोजेक्ट्स मिले. फिर 1990 के दशक में उनका करियर जबरदस्त तरीके से चमका. उन्होंने ‘वादा रहा सनम’ जैसी हिट गाने दी, जो अक्षय कुमार पर फिल्माए गए और दर्शकों के दिल में जगह बना ली. इसके बाद उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में अपनी आवाज दी, जैसे ‘खिलाड़ी’, ‘शोले और शबनम’, ‘राजा बाबू’, ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’, ‘डर’, ‘तीसरा कौन’, और ‘फूल और अंगार’.
शाहरुख खान के साथ अभिजीत का तालमेल बेहद खास रहा. शाहरुख की फिल्मों में उनकी आवाज ने गानों में जान डाल दी. उन्होंने ‘मैं कोई ऐसा गीत…’, ‘वो लड़की जो सबसे अलग है’, ‘चलते चलते’, ‘मैं हूं ना’, ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’, ‘अंजाम’, ‘जोश’, और ‘बादशाह’ जैसी फिल्मों में शाहरुख के लिए अपनी आवाज दी. उनके गाने इतने मशहूर हुए कि लोग शाहरुख के रोमांटिक अंदाज को अभिजीत की आवाज से जोड़ने लगे.
अभिजीत ने अपने अंदाज और मिठास से शाहरुख को रोमांस का बादशाह बनाने में बड़ी भूमिका निभाई.
अभिजीत को उनके शानदार योगदान के लिए कई पुरस्कार भी मिले. ‘मैं कोई ऐसा गीत…’ के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड मिला. उन्होंने Bollywood के अलावा बंगाली फिल्मों में भी गाने गाए और कई स्टेज शोज किए.
वक्त बदलने के साथ-साथ अभिजीत की Bollywood में सक्रियता कम हो गई. 2010 के बाद उन्हें बड़े प्रोजेक्ट्स कम मिलने लगे. उन्होंने कॉन्सर्ट्स और रियलिटी शोज में जज बनकर अपनी उपस्थिति बनाए रखी. उनकी आवाज आज भी श्रोताओं के दिलों में जिंदा है और शाहरुख खान के रोमांटिक गानों का जादू उनके बिना अधूरा लगता है.
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पीके/एएस