अभय चौटाला ने की हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की गिरफ्तारी की मांग

सिरसा, 30 अगस्त . सिरसा में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) नेता अभय सिंह चौटाला ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को गिरफ्तार करने की मांग की है.

उनका यह बयान ईडी द्वारा भूपेंद्र सिंह हुड्डा की 850 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति कुर्क किए जाने के बाद आया है. अभय चौटाला ने दावा किया है कि उन्होंने विधानसभा में पहले ही हुड्डा के खिलाफ 400 पेज की चार्जशीट प्रस्तुत की थी, लेकिन भाजपा सरकार ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की.

अभय चौटाला ने कहा कि अगर उस चार्जशीट पर गंभीरता से कार्रवाई की जाती, तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले ही जेल में होते. ईडी की जांच में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि उन्होंने हरियाणा में कई घोटाले किए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अब जब ईडी ने हुड्डा की 850 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क कर दिया है, तो सरकार को कार्रवाई में तेजी लानी चाहिए.

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “हमने पहले ही हुड्डा के खिलाफ 400 पेज की चार्जशीट विधानसभा में दी थी. अगर उस पर कार्रवाई पहले हो जाती तो हुड्डा तो बहुत पहले ही जेल चले जाते. ईडी की कार्रवाई के बाद अब तो स्पष्ट हो गया कि उन्होंने कितना बड़ा पैसा लूटा है. अब 850 करोड़ की इनकी प्रॉपर्टी कुर्क करने के बाद सरकार किस चीज का इंतजार कर रही है. जब यह पता चल गया है कि उन्होंने चोरी की है, लोगों का धन लूटा है. लोगों की जमीने ली हैं तो कार्रवाई होनी चाहिए. अगर कार्रवाई नहीं होती है तो जो बात हम पहले से ही कहते आ रहे हैं कि भाजपा कांग्रेस मिले हुए हैं, वह साबित हो जाएगी. और यह भी साबित हो जाएगा कि हुड्डा भाजपा के साथ मिले हुए हैं, इसलिए भाजपा उनपर कार्रवाई नहीं कर रही है.”

बता दें, बृहस्पतिवार को ईडी ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए हुड्डा, एम्मार और एमजीएफ डेवलपमेंट लिमिटेड कंपनियों सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ एक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 834 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क किया है. गुरुग्राम और दिल्ली के 20 गांवों में ये विवादित संपत्ति मौजूद हैं. आरोप है कि एम्मार और एमजीएफ ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और डायरेक्टर डीटीसीपी त्रिलोक चंद गुप्ता के साथ मिलकर इन इलाकों में सस्ते दामों में जमीन हथिया ली थी. इसकी वजह से न केवल उन लोगों को नुकसान हुआ, जिनकी जमीनें हड़पी गई, बल्कि सरकार को भी नुकसान झेलना पड़ा था.

पीएसएम/जीकेटी