दिल्ली चुनाव : किराड़ी में ‘आप’ की हैट्रिक या कांग्रेस दिखाएगी दम, ब्राह्मण वोट पर भाजपा की नजर

नई दिल्ली, 16 जनवरी . दिल्ली विधानसभा चुनाव पर सभी राजनीतिक पार्टियों की नजर है. ‘इंडिया’ ब्लॉक में शामिल दो महत्वपूर्ण घटक दल ‘आम आदमी पार्टी’ (आप) और कांग्रेस के अलग-अलग चुनाव लड़ने के फैसले ने दिल्ली चुनाव को त्रिकोणीय रूप दे दिया है. राज्य में सत्तारूढ़ ‘आप’, कांग्रेस और केंद्र में सरकार का नेतृत्व कर रही ‘भारतीय जनता पार्टी’ (भाजपा) दिल्ली में एक-एक सीट के लिए जोर आजमाइश कर रही है.

किराड़ी विधानसभा सीट उत्तर-पश्चिम दिल्ली संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है. निर्वाचन आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस सीट पर कुल 3,19,006 मतदाता हैं. इनमें 1,75,815 पुरुष और 1,43,153 महिला है. वहीं, 38 थर्ड जेंडर के वोटर्स हैं. दिल्ली परिसीमन के बाद किराड़ी के अंतर्गत कुल पांच वार्ड आते हैं, जिनमें किराड़ी, प्रेम नगर, मुबारकपुर, निठारी और अमन विहार शामिल हैं.

किराड़ी विधानसभा में 106 अनधिकृत कॉलोनियां और तीन गांव शामिल हैं. इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और बिहार से अधिक संख्या में लोग आकर बसे हैं और पूर्वांचलियों का बोलबाला है. अगर किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मणों का दबदबा है. किराड़ी में 31 प्रतिशत ब्राह्मण, 20 प्रतिशत मुस्लिम, 32 प्रतिशत एससी और ओबीसी, 10 प्रतिशत वैश्य और जाटों की आबादी सात प्रतिशत के करीब है.

पिछले चार विधानसभा चुनाव के नतीजों में दो बार भाजपा और दो बार आप को जीत मिली है. साल 2013 में पहली बार दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आप को हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि, इसके बाद 2015 और 2020 विधानसभा चुनावों में पार्टी ने जीत दर्ज की. भाजपा 2008 और 2013 में यहां से जीत चुकी है.

साल 2008 के विधानसभा चुनाव में ‘भाजपा’ प्रत्याशी अनिल झा 30,005 मतों के साथ विजयी रहे थे. दूसरे नंबर पर रहे ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी’ के पुष्पराज को 20,481 वोट मिले थे. साल 2013 विधानसभा चुनाव में भी ‘भाजपा’ के अनिल झा ने जीत दर्ज की. उनको 52 प्रतिशत मत मिले. पहली बार चुनाव लड़ रही ‘आप’ 17 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर की पार्टी बनी.

साल 2015 के विधानसभा चुनाव में ‘आप’ को किराड़ी में पहली बार जीत मिली. ‘आप’ के ऋतुराज गोविंद ने 61.66 प्रतिशत वोट हासिल किए. उन्होंने दो बार के ‘भाजपा’ विधायक अनिल झा को मात दी. अनिल झा को 33.16 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे. इसके बाद 2020 में हुए चुनाव में भी ‘आप’ और ‘भाजपा’ ने अपने पुराने प्रत्याशियों पर ही भरोसा जताया. इस बार जीत हार का फासला काफी कम रहा और 49.77 प्रतिशत वोट के साथ ऋतुराज गोविंद ने बाजी मारी. वहीं 46.51 प्रतिशत वोट के साथ ‘भाजपा’ के अनिल झा दूसरे नंबर पर रहे.

इस बार मुकाबला दिलचस्प है क्योंकि भाजपा के टिकट पर दो बार विधायक रहे और दो बार हारने वाले अनिल झा अब आप की ओर से मैदान में हैं. जहां एक ओर ‘आप’ किराड़ी से चुनावी हैट्रिक लगाने के लिए लड़ाई लड़ रही है, वहीं भाजपा ब्राह्मण चेहरा बजरंग शुक्ला को प्रत्याशी बनाकर पूर्वांचलियों को साधना चाहती है. कांग्रेस ने इस सीट पर खाता खोलने के लिए राजेश गुप्ता पर दांव लगाया है.

एससीएच/एकेजे