‘आप’ के पंजाब के नेताओं ने कहा, अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा साहसिक

चंडीगढ़, 15 सितंबर . आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने की घोषणा को रविवार को पार्टी के पंजाब नेताओं ने साहसिक और क्रांतिकारी कदम बताते हुए अपने राष्ट्रीय नेता की सराहना की.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केजरीवाल के फैसले की प्रशंसा करते हुए इसे क्रांतिकारी बताया और कहा कि इसका श्रेय उनकी ईमानदारी और लोगों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को जाता है.

उन्होंने केजरीवाल की सोच की प्रशंसा की और कहा कि दिल्ली के लोग उनकी ईमानदारी के लिए उनका समर्थन करेंगे.

मान ने यह भी कहा कि केजरीवाल को जेल में डालकर ‘आम आदमी पार्टी’ को कमजोर करने की कोशिशें की गई हैं, लेकिन ये कोशिशें पार्टी को तोड़ने में विफल रही हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी दूसरी पार्टी ऐसे दबाव में झुक जाती.

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केजरीवाल ने बहुत महत्वपूर्ण फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि देश को पता है कि भाजपा ने केजरीवाल के खिलाफ फर्जी मामला बनाया है.

सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद यह साफ हो गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे थे. चीमा ने भरोसा जताया कि जब केजरीवाल अपने घर से बाहर निकलेंगे, तो लाखों लोग उनके समर्थन में उतरेंगे और दिल्ली के लोग उन्हें फिर से मुख्यमंत्री चुनेंगे.

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केजरीवाल मुख्यमंत्री की कुर्सी से ज्यादा दिल्ली के लोगों को महत्व देते हैं और उनसे बेहद प्यार करते हैं.

चीमा ने भाजपा को अभी चुनाव कराने की चुनौती देते हुए कहा कि सच्चाई की जीत होगी. इसी तरह की बात कहते हुए कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि देश में नई और ईमानदार राजनीति की शुरुआत करने वाले केजरीवाल ने इस्तीफा देकर एक बार फिर अपनी ईमानदारी का परिचय दिया है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली और देश की जनता केजरीवाल के साथ खड़ी है. उन्होंने भविष्यवाणी की कि आप फिर से भारी बहुमत से दिल्ली में सरकार बनाएगी. मंत्री अनमोल गगन मान ने कहा कि अब जनता को तय करना है कि केजरीवाल अपराधी हैं या ईमानदार नेता.

उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पिछले 10 सालों में दिल्ली की सूरत बदल दी है.

गगन मान ने कहा कि केजरीवाल ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया, पानी, बिजली और महिलाओं के लिए बस यात्रा मुफ्त की और लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए सरकारी परियोजनाओं में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई.

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