जिस विजेंद्र गुप्ता को मार्शल करते रहे सदन से बाहर, अब अध्यक्ष बनकर ‘आप’ विधायकों को दिखाया बाहर का रास्ता

नई दिल्ली, 25 फरवरी . लगातार रोहिणी विधानसभा सीट से तीसरी बार जीत दर्ज करने वाले विधायक विजेंद्र गुप्ता को दिल्ली विधानसभा का स्पीकर चुना गया. उन्होंने पदभार संभालते ही कहा था कि अब सदन को अखाड़ा नहीं बनने दूंगा, नियम से यहां काम होगा. ऐसे में दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया तो विजेंद्र गुप्ता ने सदन में हंगामा कर रहे ‘आप’ विधायकों को पहले तो चेतावनी दी, फिर विधायकों को बाहर निकालने के लिए मार्शलों का सहारा लिया. सदन की कार्यवाही में हंगामा मचाने के आरोप में आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को तीन दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया.

वहीं, दिल्ली विधानसभा का यह विशेष सत्र तीन दिनों के लिए बढ़ा भी दिया गया है. यानी विपक्षी विधायक अब सोमवार तक सदन की कार्यवाही मे सम्मिलित नहीं हो पाएंगे. वैसे मंगलवार को आम आदमी पार्टी के एक विधायक अमानतुल्लाह खान विधानसभा में उपस्थित नहीं थे, इसलिए उन्हें निलंबित नहीं किया गया.

2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की लहर के बीच भी विजेंद्र गुप्ता रोहिणी से चुनकर आए. उन्होंने 2015 से 2020 के बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई. फिर पिछले अगस्त के महीने से भी वह कुछ समय के लिए नेता प्रतिपक्ष रहे. वह दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 1997 में एक पार्षद के तौर पर उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था. जबकि 2013 में नई दिल्ली सीट से वह अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पहला विधानसभा चुनाव लड़े और हार गए थे. वह इससे पहले डीडीए के मेंबर भी रहे और एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन भी रह चुके हैं.

जून 2015 का वह दिन जब दिल्ली विधानसभा का सत्र चल रहा था और नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता को सरकार का विरोध करने के लिए मार्शल द्वारा घसीट कर सदन से बाहर निकाला गया था. उस दिन वह सरकार से चौथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट पेश करने की मांग कर रहे थे. इसके बाद अक्टूबर 2016 में वह सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए एक मेज पर चढ़ गए. वह नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट सदन में पेश करने पर जोर दे रहे थे और उन्हें एक बार फिर जबरन सदन से बाहर निकाला गया था.

यानी दिल्ली की नई सीएम रेखा गुप्ता ने जिस बात का अंदेशा सोमवार को लगाया था. वह काम विजेंद्र गुप्ता ने मंगलवार को करके अपना बदला ले लिया. रेखा गुप्ता ने सोमवार को ही बोल दिया था कि ‘आप’ विधायकों का अब अपना व्यवहार सदन में सही रखना होगा. ऐसे में मंगलवार को जब उपराज्यपाल के अभिभाषण के बीच में ही आम आदमी पार्टी के विधायक हंगामा करने लगे तो विजेंद्र गुप्ता ने उन्हें समझाने की खूब कोशिश की और शांत रहने की अपील करते रहे. लेकिन, जब इस पर भी ‘आप’ विधायक नहीं माने तो विजेंद्र गुप्ता ने मार्शल बुलवाकर ‘आप’ विधायकों को सदन से बाहर निकलवा दिया. इसके बाद ‘आप’ के जो बचे विधायक थे वह सीएम रेखा गुप्ता के द्वारा सीएजी की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखते समय हंगामा करने लगे तो एक बार फिर विजेंद्र गुप्ता ने ‘आप’ के बचे विधायकों को मार्शल के सहारे बाहर का रास्ता दिखा दिया और उनको तीन दिन के लिए सदन की कार्यवाही से सस्पेंड कर दिया.

इस तरह मंगलवार को दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आखिरकार अपना बदला ले ही लिया. राष्ट्रीय राजधानी में करीब 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी की सत्ता में वापसी हुई है, जिसमें से 12 साल तक राष्ट्रीय राजधानी की सत्ता में आम आदमी पार्टी का कब्जा रहा है. सदन में उस समय विपक्ष इतना मजबूत नहीं था. 2015 में तो भाजपा के केवल तीन विधायक थे, जिसमें से विजेंद्र गुप्ता एक थे और वह नेता प्रतिपक्ष भी थे. लेकिन, तब आदमी पार्टी की सरकार के द्वारा हर सत्र से इसी तरह भाजपा नेताओं को मार्शल के द्वारा बाहर भेजा जाता था. वहीं, 2020 के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी के 62 और भाजपा के आठ विधायक थे. यह क्रम तब भी नहीं रूका और बार-बार सदन चलते समय मार्शल के द्वारा भाजपा नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जाता रहा.

याद कीजिए, जब दिल्ली विधानसभा का सत्र चल रहा था और तारीख थी 30 नवंबर 2015, इस दिन ‘आप’ विधायक अलका लांबा पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में भाजपा विधायक ओपी शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. फिर इसको लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ. स्पीकर राम निवास गोयल ने तब विजेंद्र गुप्ता से कहा था कि वह सदन से बाहर जाएं, लेकिन, उन्होंने मना कर दिया. इसके बाद मार्शलों ने उन्हें जबरदस्ती उठाकर बाहर निकाल दिया.

यानी जिनको कभी मार्शल उठाकर सदन से बाहर फेंकते रहे, अब वही असेंबली के स्पीकर बनकर वापस आए हैं. बीते 10 साल में तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान कई ऐसे मौके आए, जब बीजेपी नेता को असेंबली से बाहर किया गया. विजेंद्र गुप्ता जब सोमवार को दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष बने तो उस समय सीएम रेखा गुप्ता ने उन्हें बधाई देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी के सामने ही पिछले सदन के दौरान हुए अपमान की भी याद दिलाई थी. मतलब साफ है कि भाजपा इस बार ‘आप’ के नेताओं के सदन में जारी अराजक रवैये को सहने के मूड में बिल्कुल नहीं नजर आ रही है.

जीकेटी/