नई दिल्ली, 8 अप्रैल . दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी के बीच यूजर चार्ज को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) द्वारा हाउस टैक्स के साथ कूड़ा उठाने के लिए यूजर चार्ज लगाए जाने की अधिसूचना को लेकर ‘आप’ ने कड़ा विरोध जताया है और कमिश्नर से इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है.
‘आप’ नेता दुर्गेश पाठक ने प्रेसवार्ता कर कहा कि सत्ता में आते ही भाजपा दिल्ली की जनता पर आर्थिक बोझ डाल रही है. पहले बिजली कटौती, फिर निजी स्कूलों में फीस वृद्धि और अब एमसीडी के जरिए यूजर चार्ज लागू कर लूट की शुरुआत कर दी गई है.
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का एमसीडी कमिश्नर पर दबाव है कि यह चार्ज हाउस टैक्स के साथ लागू किया जाए. यह अधिसूचना मेयर और सदन की जानकारी के बिना जारी की गई, जो प्रक्रिया के खिलाफ है. यदि यह आदेश वापस नहीं लिया गया, तो आम आदमी पार्टी दिल्ली भर में आंदोलन करेगी और भाजपा की ‘गंदी राजनीति’ को उजागर करेगी.
मेयर महेश खींची ने भी अधिसूचना का विरोध करते हुए कहा कि यह निर्णय जनहित के खिलाफ है. जब तक जनता को साफ-सफाई की समुचित सुविधाएं नहीं दी जातीं, तब तक यूजर चार्ज लागू करना गलत है. उन्होंने कमिश्नर से आदेश जारी कर अधिसूचना को निरस्त करने की मांग की.
डिप्टी मेयर रविंद्र भारद्वाज ने इसे भाजपा की राजनीति बताते हुए कहा कि यूजर चार्ज जनता के हितों के विरुद्ध है. उन्होंने कहा कि इसे सदन में बिना चर्चा, बिना प्रस्ताव और बिना महापौर की जानकारी के लागू किया गया है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है.
नेता सदन मुकेश गोयल ने कहा कि यह फैसला जनता पर बोझ डालने वाला है. दिल्ली की 90 प्रतिशत आबादी आज भी निजी जमादारों से कूड़ा उठवाने को मजबूर है. फिर भी एमसीडी संसाधन न होने के बावजूद चार्ज वसूलना चाहती है. हाउस टैक्स में मिलने वाली छूट पर इसका सीधा असर पड़ेगा, क्योंकि यूजर चार्ज के कारण लोग टैक्स जमा करने से कतराएंगे.
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पीकेटी/एबीएम