आप ने हार स्वीकार किया, सिसोदिया पटपड़गंज सीट से भाग गए : मनोज तिवारी

नई दिल्ली, 10 दिसंबर . दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी ने सोमवार को उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की. पार्टी की ओर से जारी सूची में दिग्गज नेता मनीष सिसोदिया को जंगपुरा से टिकट दिया गया है. वह वर्तमान में पटपड़गंज सीट से विधायक हैं. सिसोदिया के सीट में बदलाव किए जाने के बाद प्रतिक्रियाओं का दौरा जारी है. सिसोदिया की सीट बदले जाने पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी की प्रतिक्रिया सामने आई है.

मनोज तिवारी ने से कहा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में अपनी हार को स्वीकार कर लिया है. मनीष सिसोदिया को जंगपुरा विधानसभा से उम्मीदवार बनाया गया है. यह दिखाता है कि आप पार्टी में भरोसा नहीं बचा. सिसोदिया पटपड़गंज से भाग गए, इसका मतलब साफ है कि पार्टी का खुद का सर्वे उनकी हार दिखा रहा है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की स्थिति अब पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है और पार्टी के नेता, खासकर अरविंद केजरीवाल अब मुख्यमंत्री बनने के काबिल नहीं हैं. केजरीवाल अब मुख्यमंत्री पद से हट चुके हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें काम करने से मना कर दिया था और उनके ऊपर भ्रष्टाचार का मामला भी है. अब वह फिर से मुख्यमंत्री नहीं बन सकते.

मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि लोकसभा में जब सरकार ने दिल्ली के प्रदूषण पर ध्यान देने के लिए बजट का ऐलान किया, तो दिल्ली सरकार ने कुछ भी काम नहीं किया. उनका उद्देश्य कभी प्रदूषण को कम करना, गंदे पानी को खत्म करना और टैंकर माफिया को रोकना नहीं था. आम आदमी पार्टी की नियत ही नहीं थी कि वह दिल्ली के बुजुर्गों की मदद करे, उनका पेंशन बढ़ाए या गरीबों को राशन कार्ड मुहैया कराए. इसीलिए मनीष सिसोदिया जैसे नेताओं को अब पटपड़गंज से भागने को मजबूर होना पड़ा है.

भाजपा सांसद ने कहा कि आम आदमी पार्टी अब दिल्ली की नजरों से गिर चुकी है. अगर वह किसी की मदद करना चाहते होते, तो उन्होंने दिल्ली के लोगों के लिए काम किया होता, लेकिन सच्चाई यह है कि दिल्ली में उनकी सरकार के दौरान कोई भी मूलभूत सुविधा नहीं दी गई. अब आम आदमी पार्टी के दिल्ली छोड़ने का वक्त आ गया है. आप पार्टी का असली चेहरा अब सामने आ चुका है और वे अब दिल्ली की जनता को धोखा देने के लिए पूरी तरह से बेनकाब हो चुके हैं.

पीएसके/एकेजे