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रायबरेली, 17 नवंबर . उत्तर प्रदेश के रायबरेली में Monday को Chief Minister सामूहिक विवाह योजना के तहत एक ऐसा नजारा देखने को मिला जिसने सबको भावुक कर दिया.
एक ही मंडप में एक तरफ मंत्रोच्चार के बीच हिंदू जोड़ों का विवाह हो रहा था, तो ठीक दूसरी तरफ काजी साहब निकाह पढ़वा रहे थे. यह दृश्य हिंदुस्तान की सदियों पुरानी गंगा-जमुनी तहजीब का जीता-जागता प्रमाण बना.
जिला समाज कल्याण विभाग के भव्य आयोजन में कुल 135 जोड़ों ने सात फेरे और निकाह के जरिए नई जिंदगी की शुरुआत की. इनमें 128 जोड़े हिंदू थे, जिनका विधि-विधान से वैदिक मंत्रों के साथ विवाह संपन्न हुआ, जबकि 7 मुस्लिम जोड़ों का शरियत के मुताबिक निकाह कराया गया. एक ही मंच, एक ही मंडप, यह तस्वीर social media पर तेजी से वायरल हो रही है.
कार्यक्रम में दुल्हनें लाल-गुलाबी जोड़े और दुल्हे शेरवानी-कुर्ते में सजे थे. हिंदू जोड़ों को मंगलसूत्र, सिंदूर और फूलों का हार पहनाया गया तो मुस्लिम दुल्हनों को उनकी परंपरा के अनुसार मेहर और दुआएं दी गईं. सभी जोड़ों को उत्तर प्रदेश Government की ओर से 51 हजार रुपये की सहायता राशि, एक-एक स्मार्टफोन, बर्तन, कपड़े और अन्य घरेलू सामान भेंट किया गया.
आयोजन स्थल पर हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग एक साथ बैठे थे. कोई अंतर नहीं, कोई भेदभाव नहीं – बस खुशी और बधाइयां. एक बुजुर्ग के मुताबिक, “ये वही हिंदुस्तान है जिसकी हम बात करते हैं. एक मंडप में विवाह और निकाह – इससे खूबसूरत क्या होगा?”
जिलाधिकारी और समाज कल्याण अधिकारी ने सभी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया और कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ शादी कराने का नहीं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देने का भी माध्यम है.
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एसएचके/डीएससी