केंद्र सरकार के सरस आजीविका मेला में दिखा 28 राज्यों की महिलाओं की हस्तकला का अनूठा संगम

नोएडा, 16 फरवरी . नोएडा के सेक्टर-33 ए स्थित नोएडा हाट में केंद्र सरकार का चौथा सरस आजीविका मेला शुक्रवार से प्रारंभ हो गया, जो 4 मार्च तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात 9:30 बजे तक आयोजित होगा. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित सरस आजीविका मेला 2024 में ग्रामीण भारत की शिल्प कलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जाएगा.

एनआईआरडीपीआर के सहायक निदेशक चिरंजीलाल कटारिया ने बताया कि केंद्र सरकार के सरस आजीविका मेले का आयोजन प्रतिवर्ष देशभर के सभी राज्यों में किया जाता है. इसी कड़ी में नोएडा में यह चौथा आयोजन है. 16 फरवरी से 4 मार्च 2024 तक चलने वाले इस उत्सव में नोएडा के नोएडा हाट में मौजूद क़रीब 28 राज्यों के 400 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, जो परंपरा, हस्तकला एवं ग्रामीण संस्कृति तथा स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं, इसके साथ ही 85 से ज्यादा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे.

उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर ने केंद्र एवं राज्य सरकार की महिला सशक्तीकरण की पहल को आगे बढ़ाते हुए जनपद के सभी विधालयों एवं अन्य संस्थानों से अपील की है कि केंद्र सरकार के इस आयोजन में भारी संख्या में पहुंचकर देश के सभी राज्यों की संस्कृति एवं हस्तकला से रूबरू हों. सरस मेले के पहले दिन शुक्रवार को नोएडा वासियों ने भारी संख्या में पहुंचकर मेले की शोभा बढ़ाई.

सरस मेले वर्ष 1999 से निरंतर आयोजित हो रहे हैं. इन मेलों के माध्यम से लाखों महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ है. यही नहीं स्थानीय स्तर पर भी मेले में इस बार हैंडलूम तथा हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद शामिल किए गए हैं, जो लोगों को आकर्षित करेंगे. बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के लिए भी संसाधन मौजूद रहेंगे. मेले में दिल्ली-नोएडा सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लाखों दर्शक व ग्राहक भाग लेंगे. दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं.

इंडिया फूड कोर्ट सरस आजीविका मेले में आकर्षण का केंद्र रहेगा, जिसमें देशभर के विभिन्न राज्यों के व्यंजन परोसे जाएंगे. इस बार महत्त्वपूर्ण इंडिया फूड कोर्ट में देश भर के 20 राज्यों की 80 गृहणियों का समूह अपने प्रदेश के प्रसिद्ध क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टॉल लगाएंगी. इसमें राजस्थानी कैर सागरी गट्टे की सब्ज़ी से लेकर बंगाल की फ़िश करी, तेलंगाना का चिकन, बिहार की लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग व मक्के की रोटी, प्राकृतिक खाद्य उत्पाद, हरियाणा के बाजरे व ज्वार के लड्डू-बिस्कुट, कर्नाटक व जम्मू कश्मीर के ड्राई फ्रूट सहित पूरे भारत के पकवान मौजूद रहेंगे.

पीकेटी/एबीएम