New Delhi, 20 सितंबर . India वर्तमान में 132 देशों को आपूर्ति करने के साथ
समुद्री खाद्य निर्यात में एक ग्लोबल लीडर के रूप में उभरा है. देश ने 2030 तक अपने निर्यात को दोगुना कर 15 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रखा है.
India ने 2024-25 के दौरान 16,98,170 टन सीफूड निर्यात किया, जिसकी कीमत 62,408.45 करोड़ रुपए (7.45 बिलियन डॉलर) थी, जबकि 2023-24 में 17,81,602 टन का निर्यात हुआ था, जिसकी कीमत 60,523.89 करोड़ रुपए (7.38 बिलियन डॉलर) थी. यह वैश्विक व्यापार में उतार-चढ़ाव के बावजूद इस क्षेत्र की मजबूत क्षमता को दर्शाता है.
सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोशिएशन ऑफ इंडिया ने एसईएआई के इंडिया इंटरनेशनल सीफूड शो 2025 से पहले जानकारी देते हुए कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र 3 करोड़ मछुआरों और फिश फार्मर की आजीविका को भी समर्थन देता है, जिसकी देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका है.
एशिया के सबसे बड़े सीफूड ट्रेड फेयर, इंडिया इंटरनेशनल सीफूड शो का 24वां एडिशन 25 से 28 सितंबर तक India मंडपम में आयोजित किया जाएगा.
इस वर्ष का यह आयोजन वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 का हिस्सा होगा. वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 India Government का एक फ्लैगशिप ग्लोबल फूड इनोवेशन इवेंट है.
एसईएआई के अध्यक्ष पवन कुमार ने कहा, “आईआईएसएस India के समुद्री खाद्य निर्यात क्षेत्र की शानदार वृद्धि को प्रदर्शित करता है. अपनी स्वर्ण जयंती मनाते हुए, यह कार्यक्रम हमें वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत करने और नए बाजारों में विस्तार करने में मदद करेगा.”
एसईएआई के महासचिव के.एन. राघवन ने कहा, “हमारा आदर्श वाक्य, ‘सतत तरीके से प्राप्त, मानवीय तरीके से सोर्सिंग’, नैतिक सोर्सिंग और जिम्मेदार एक्वाकल्चर प्रथाओं के प्रति हमारी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.”
उन्होंने आगे कहा कि आईआईएसएस 2025 स्किल डेवलपमेंट, सस्टेनेबिलिटी और इनोवेशन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए एक मंच होगा.
एसईएआई ने एक रिपोर्ट में अपने इस कार्यक्रम को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि आईआईएसएस 2025 में 260 से अधिक स्टॉल, तकनीकी सत्र और गोलमेज चर्चा होगी, जिसमें 15 से अधिक देशों के प्रतिभागी शामिल होंगे. इनमें अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, वियतनाम, यूएई, जर्मनी, बेल्जियम, जापान, चीन जैसे देशों की भागीदारी रहेगी.
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