नई दिल्ली, 29 मार्च . पिछले पांच वर्षों में फलों के निर्यात में जबरदस्त वृद्धि देखने के बाद सरकार नए बाजारों की तलाश कर रही है.
वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद के अनुसार, यूएई और ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) से यूएई और ऑस्ट्रेलिया को फलों के निर्यात में क्रमश: 27 प्रतिशत और 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा को बताया, “मुक्त व्यापार समझौते से भारत द्वारा यूएई को निर्यात बढ़ाने में मदद मिली है, जहां फलों के निर्यात में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और ऑस्ट्रेलिया को फलों के निर्यात में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.”
पिछले पांच वर्षों में भारत के फलों के निर्यात में 47.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
मंत्री ने कहा कि सरकार इन निर्यातों को बढ़ावा देने के लिए कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करते हुए गुणवत्ता को लेकर आश्वासन और नए बाजारों की खोज पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
उन्होंने कहा, “देश से जाने वाला कोई भी उत्पाद ‘ब्रांड इंडिया’ और भारत का नाम है, इसलिए विदेशों में भेजे जाने वाले उत्पादों और फलों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है.”
वाणिज्य विभाग, एपीडा के माध्यम से, ताजे फलों के व्यापार को समर्थन देने के लिए संबंधित राज्य सरकारों के साथ सहयोग करता है.
भारत वर्तमान में 85 से अधिक देशों को ताजे फलों का निर्यात करता है. एपीडा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, यूएसए और उभरते नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय पौध संरक्षण संगठन (एनपीपीओ) के साथ मिलकर काम करता है.
सरकार जल्दी खराब होने वाले उत्पादों, खासकर ताजे फलों के लिए समुद्री प्रोटोकॉल के विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे अधिक मात्रा में निर्यात संभव होगा, खासकर लंबी दूरी के बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर, जिससे किसानों सहित निर्यात सप्लाई चेन में सभी हितधारकों को अधिक लाभ मिल सकेगा.
मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत ने कृषि निर्यात में नई ऊंचाईयों को छुआ है. देश के फलों की खेप पहली बार पश्चिमी देशों के आकर्षक बाजारों में पहुंची है. चावल के निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे किसानों को अधिक आय प्राप्त करने में मदद मिली है.
भारत के अनार पश्चिमी ग्राहकों के बीच सफल साबित हुए हैं, क्योंकि देश ने 2023 में अमेरिका को हवाई मार्ग से ताजे अनार की पहली बार ट्रायल खेप भेजकर अमेरिकी बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है.
महाराष्ट्र के भगवा अनार में निर्यात की पर्याप्त संभावनाएं हैं और देश से इस फल का लगभग 50 प्रतिशत निर्यात राज्य के सोलापुर जिले से होता है.
सरकार द्वारा फलों को जीआई टैगिंग दिए जाने से भारत के विशेष फलों के लिए बाजार को बढ़ाने में मदद मिली है.
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एसकेटी/एबीएम