चंडीगढ़, 17 मार्च . अमृतसर में मंदिर पर हाल ही में हुए ग्रेनेड हमले के एक संदिग्ध आरोपी को पुलिस ने सोमवार सुबह मुठभेड़ में ढेर कर दिया, जबकि दूसरा भागने में सफल रहा.
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बताया कि विशिष्ट खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए कमिश्नरेट पुलिस अमृतसर ने ठाकुरद्वारा मंदिर पर 15 मार्च को हुए हमले के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाया.
उन्होंने बताया कि विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत छेहरटा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई और खुफिया जानकारी के आधार पर आरोपियों की पहचान की गई है. पुलिस टीमों ने अमृतसर के बाहरी इलाके राजासांसी में संदिग्धों को ट्रैक किया. आरोपियों ने गोली चलाई, जिसमें हेड कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह घायल हो गए.
डीजीपी ने कहा कि आत्मरक्षा में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें एक आरोपी घायल हो गया. उसे तुरंत इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में उसकी मौत हो गई. एक अन्य आरोपी भाग गया. उसे गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं.
बता दें कि पंजाब के अमृतसर में शनिवार-रविवार की रात दो हमलावरों ने ठाकुरद्वारा मंदिर परिसर में विस्फोटक फेंका, जिससे मंदिर की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गईं और खिड़कियों के शीशे टूट गए थे.
उल्लेखनीय है कि अमृतसर जिले में शनिवार-रविवार की रात मंदिर पर हमला किया गया था, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी. खंडवाला इलाके में स्थित ठाकुरद्वारा मंदिर पर बाइक सवार दो अज्ञात युवकों ने ग्रेनेड से हमला किया था, जिससे मंदिर की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गईं और खिड़कियों के शीशे टूट गए थे. यह पूरी घटना मंदिर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई.
घटना के समय मंदिर में पुजारी सो रहे थे. गनीमत रही कि इस हमले में कोई जनहानि नहीं हुई. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू की थी.
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने घटना का जायजा लेने के बाद मीडिया से कहा था, “इस हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ हो सकता है. भोले-भाले नौजवानों को गुमराह कर इस तरह के हमलों के लिए उकसाया जा रहा है. हम जल्द ही आरोपियों को पकड़ लेंगे और शहर का माहौल खराब नहीं होने देंगे.”
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