New Delhi, 14 अक्टूबर . भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा Tuesday को आयोजित 13वें नेशनल बायोएनर्जी समिट में इथेनॉल ब्लेंडिंग में India की तीव्र प्रगति और परिवहन, विमानन एवं उद्योग को कार्बन-मुक्त बनाने में सस्टेनेबल फ्यूल की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया गया.
इस कार्यक्रम में India की बायोएनर्जी क्रांति के अगले चरण की रूपरेखा तैयार करने के लिए वरिष्ठ Governmentी अधिकारी, उद्योग जगत के दिग्गज, वैश्विक विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्ति शामिल रहे.
कार्यक्रम में शामिल India Government के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के संयुक्त सचिव अश्विनी श्रीवास्तव ने फीडस्टॉक डायवर्सिफिकेशन और वर्ष भर इथेनॉल सप्लाई के प्रति Government की प्रतिबद्धता दोहराई.
उन्होंने अनाज आधारित इथेनॉल क्षमता के विस्तार, नेक्स्ट जेन बायोफ्यूल क्रॉप के रूप में मीठी ज्वार पर परीक्षण, पांच राज्यों से टूटे चावल की खरीद और फीडस्टॉक एग्रीगेशन में एनएएफईडी और एनसीसीएफ की भागीदारी जैसी चल रही पहलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
उन्होंने कहा, “India के पास अब 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग को पार करने की उत्पादन क्षमता है. हमारा ध्यान एक मजबूत और सस्टेनेबल सप्लाई चेन बनाने पर है, जो उद्योग और किसानों दोनों को सहयोग दे.”
India में ब्राजील के राजदूत केनेथ फेलिक्स हैकिंस्की दा नोब्रेगा ने कहा, “क्लीन एनर्जी इनोवेशन में ब्राजील और India के बीच स्वाभाविक तालमेल है और हम ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस के माध्यम से इस साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
उन्होंने कहा कि India और ब्राजील दोनों देशों ने अपनी साझेदारी को मजबूत किया है और वे विश्व में ग्लोबल बायोफ्यूल लीडर के रूप में अपनी मजबूत स्थिति में बने हुए हैं.
ब्राजील के अग्रणी फ्लेक्स-फ्यूल व्हीकल मॉडल और बायोफ्यूल्स के लिए कार्बन क्रेडिट मार्केट पर प्रकाश डालते हुए केनेथ ने भारतीय हितधारकों को निवेश के अवसरों और संयुक्त उद्यमों की तलाश करने के लिए आमंत्रित किया.
केनेथ ने कहा, “ब्राजील के 87 प्रतिशत लाइट व्हीकल फ्लीट इथेनॉल पर चलते हैं. फ्लेक्स-फ्यूल इंजन, नियामक पारदर्शिता और कार्बन मार्केट के साथ हमारे अनुभव ने दिखाया है कि बायोएनर्जी पर्यावरणीय और आर्थिक, दोनों तरह से लाभ पहुंचा सकती है.”
कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए केनेथ ने कहा , “बायोएनर्जी के क्षेत्र में हमारे द्विपक्षीय संबंध कई वर्षों से फल-फूल रहे हैं. ब्राजील ने गैसोलीन में इथेनॉल को शामिल करने और इथेनॉल-ब्लेंडेड इंजनों से 100 प्रतिशत इथेनॉल, 50 प्रतिशत इथेनॉल, या किसी भी मिश्रण पर चलने में सक्षम इंजनों तक प्रगति करने में अपना सफल अनुभव साझा किया है.”
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एसकेटी/