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22 नवंबर, वियना . बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) ने संयुक्त राष्ट्र में India के स्थायी मिशन के सहयोग से वियना स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में एक अभूतपूर्व एवं प्रेरणादायी अंतरराष्ट्रीय समारोह का आयोजन किया.
इस कार्यक्रम ने दो अत्यंत महत्वपूर्ण मील के पत्थरों का उत्सव मनाया—
• बीएपीएस और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के बीच तीन दशकों की सशक्त साझेदारी
• परम पूज्य ब्रह्मस्वरूप प्रमुख स्वामी महाराज के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय (न्यूयॉर्क) में दिए गए विश्वप्रसिद्ध “मिलेनियम वर्ल्ड पीस समिट” संबोधन के 25 वर्ष
दुनिया के कई देशों, जैसे- अफगानिस्तान, मिस्र, भारत, इंडोनेशिया, केन्या, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड और अमेरिका के राजनयिकों, संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों और सामुदायिक नेताओं ने एकजुट होकर वैश्विक शांति, पारस्परिक सम्मान और मानवता की सेवा के साझा संकल्प को पुनः सशक्त किया.
वैश्विक नेतृत्वकर्ताओं के प्रेरणादायी विचार इस प्रकार रहे-
भारतीय मिशन के काउंसलर विक्रमजीत दुग्गल ने कहा कि बीएपीएस और संयुक्त राष्ट्र दोनों “एकता, करुणा और सर्वांगीण प्रगति” जैसे मूल्यों पर आधारित हैं और यही मूल्य विश्व के भविष्य को दिशा देते हैं.
आईएईए के सहायक महानिदेशक पेरी लिन जॉनसन ने कार्यक्रम की प्रेरणादायी थीम—“लाइट, पीस, पार्टरनशिप” को अत्यंत सार्थक बताते हुए कहा, “यह पूर्णतः उपयुक्त है कि बीएपीएस… वियना के यूएन समुदाय को एकता की ऊर्जा से जोड़ रहा है.”
विश्वभर में बीएपीएस के राहत कार्य, विशेषकर यूक्रेन के शरणार्थियों के लिए किए गए मानवीय प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने भावनापूर्ण कहा, “बीएपीएस की सेवाओं को सुनकर ऐसा लगता है जैसे मैं अपने परिवार के बीच वापस आ गई हूँ.”
यूएनआईडीओ के उप महानिदेशक युको यासुनागा ने कहा कि सतत विकास का वास्तविक मार्ग तभी संभव है जब नागरिक समाज, आध्यात्मिक संगठन और Governmentी संस्थाएं साथ मिलकर, समभाव से कार्य करें. उन्होंने बीएपीएस को “सच्चे वैश्विक सहयोगी और अच्छे पड़ोसी” के रूप में सराहा.
यान डूबॉस्क, मेयर, ब्यूसी-सेंट-जॉर्जेस (पेरिस) ने यूरोप में बीएपीएस द्वारा फैलाए जा रहे अंतर सांस्कृतिक सौहार्द और मूल्य-आधारित संवाद को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और कहा, “पेरिस का आगामी बीएपीएस मंदिर यूरोप की सांस्कृतिक एकात्मता का एक उज्ज्वल प्रतीक बनेगा.”
अबू धाबी के बीएपीएस हिंदू मंदिर के प्रमुख ब्रह्मविहारिदास स्वामी ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन “साझेदारी के जरिए शांति” में बताया कि वास्तविक शांति तभी संभव है जब मनुष्य का हृदय निःस्वार्थता, कृतज्ञता और सेवा से भरा हो. उन्होंने कहा कि बीएपीएस का मूल मंत्र है: “हम सब मिलकर—दुनिया को एक परिवार मानकर—सेवा और सद्भाव के दीप जलाएँ.”
कार्यक्रम का समापन महंत स्वामी महाराज के आशीर्वचनों से हुआ, जिसमें उन्होंने सभी को प्रेरित किया: “अपने जीवन को ऐसा दीपक बनाओ, जो दुनिया को अच्छाई, करुणा और शांति के प्रकाश से भर दे.”
रीना अमीन, बीएपीएस बाह्य संबंध प्रमुख (यूके एवं यूरोप) ने सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद देते हुए कहा, “हम, बीएपीएस के स्वयंसेवक, सत्यनिष्ठा, विनम्रता और मानवहित की भावना के साथ संसार की सेवा करने हेतु आपके निरंतर सहयोग और साझेदारी की हार्दिक आकांक्षा करते हैं.”
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एएस/