प्रमुख बंदरगाहों ने बीते 5 वर्षों में 13,355 करोड़ रुपए के 25 पीपीपी प्रोजेक्ट्स प्रदान किए : सर्बानंद सोनोवाल

New Delhi, 12 अगस्त . पिछले पांच वर्षों में देश के प्रमुख बंदरगाहों ने 13,355 करोड़ रुपए के कुल 25 पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) प्रोजेक्ट्स प्रदान किए हैं.

Government ने प्रमुख बंदरगाहों के इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण में निजी क्षेत्र की भागीदारी को एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में पहचाना है.

केंद्र Government के प्रशासनिक नियंत्रण में 12 प्रमुख बंदरगाह हैं. गैर-प्रमुख बंदरगाहों का नियंत्रण राज्य प्राधिकरणों के पास है, जिनमें समुद्री बोर्ड भी शामिल है.

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि प्रमुख बंदरगाहों में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए, केंद्र Government ने प्रमुख बंदरगाह न्यास अधिनियम, 1963 के स्थान पर प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम, 2021 को लागू किया है. साथ ही, मॉडल कन्सेशन एग्रीमेंट को संशोधित किया गया है और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं के लिए टैरिफ निर्धारण दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं.

उन्होंने आगे कहा, “पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय को 2024-25 में प्रमुख बंदरगाहों पर खराब कार्य स्थितियों और सुरक्षा उल्लंघनों की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.”

एक अलग उत्तर में, Union Minister ने कहा कि Government ने आधुनिकीकरण, मशीनीकरण, नए बर्थ और टर्मिनलों के निर्माण, पूंजीगत ड्रेजिंग और सड़क एवं रेल संपर्क को बढ़ाकर देश के सभी प्रमुख बंदरगाहों की कार्गो हैंडलिंग क्षमता का विस्तार करने के लिए कई कदम उठाए हैं.

सोनोवाल ने कहा, “तमिलनाडु राज्य में स्थित वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह प्राधिकरण, चेन्नई बंदरगाह प्राधिकरण और कामराजर बंदरगाह लिमिटेड ने पिछले 10 वर्षों में अपनी क्षमता में क्रमशः 177.12 प्रतिशत, 58.06 प्रतिशत और 162.16 प्रतिशत की वृद्धि की है.”

इस बीच, राष्ट्रीय जलमार्गों पर पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) को 8 हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कैटामारन के निर्माण का ऑर्डर दिया है. वाराणसी में एक हाइड्रोजन-ईंधन वाला सेल पोत भी तैनात किया गया है. मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स के माध्यम से बंदरगाह संपर्क बढ़ाने के लिए, राष्ट्रीय जलमार्ग-1, राष्ट्रीय जलमार्ग-2 और राष्ट्रीय जलमार्ग-16 पर मल्टी-मॉडल और इंटर-मॉडल टर्मिनल विकसित किए गए हैं, जो जलमार्गों के माध्यम से कोलकाता/हल्दिया बंदरगाहों से जुड़े हैं.

इसके अलावा, Union Minister ने कहा कि भारतीय बंदरगाह संघ (आईपीए) को India में कार्गो सुविधा केंद्र की स्थापना और तटीय परिवहन को जलमार्गों के साथ एकीकृत करने के लिए व्यवहार्यता अध्ययन के लिए नियुक्त किया गया है.

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