New Delhi, 12 अगस्त . आम आदमी पार्टी (आप) के छात्र संगठन एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (एसैप) ने दिल्ली में पढ़ने वाले सभी छात्रों के लिए मेट्रो किराए में 50 प्रतिशत रियायत देने की मांग उठाई है.
संगठन ने इस मुद्दे पर भाजपा और उसके छात्र संगठन एबीवीपी सहित कांग्रेस और एनएसयूआई को भी वादाखिलाफी का आरोपी ठहराया है.
एसैप की नेता ईशना गुप्ता ने कहा कि कॉलेज फीस में लगातार बढ़ोतरी और महंगाई ने छात्रों पर भारी आर्थिक बोझ डाल दिया है. रोजाना मेट्रो यात्रा करने वाले छात्र 60 से 100 रुपए प्रतिदिन और 1,800 से 3,000 रुपए प्रति माह सिर्फ किराए पर खर्च कर रहे हैं. अगर यह पैसा बच जाए तो छात्र इसे अपनी पढ़ाई, स्किल डेवलपमेंट या किताबों में निवेश कर सकते हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि एबीवीपी, एनएसयूआई और भाजपा ने अपने-अपने चुनावी घोषणापत्रों में रियायती मेट्रो पास देने का वादा किया, लेकिन कभी ठोस कदम नहीं उठाया. भाजपा ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में जरूरतमंद छात्रों के लिए 4,000 रुपए तक का मेट्रो किराया माफ करने का वादा किया था, लेकिन यह भी अन्य गारंटियों की तरह अधूरा रह गया.
एसैप के दिल्ली प्रदेश संगठन मंत्री ओम सिंह ने कहा कि 2015, 2023 और 2024 में एबीवीपी और 2015 व 2023 में एनएसयूआई ने भी मेट्रो किराए में रियायत देने का वादा किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. एनएसयूआई का दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यक्ष होने के बावजूद संगठन ने छात्रों के लिए मेट्रो पास दिलाने या बुनियादी सुविधाओं में सुधार की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया.
एसैप के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि मेट्रो पास, अच्छी लाइब्रेरी और अन्य बुनियादी सुविधाएं छात्रों के लिए जरूरी हैं. Wednesday से एसैप दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस, साउथ कैंपस और सभी कॉलेजों में 16 दिवसीय अभियान शुरू करेगा, जिसके तहत छात्रों से समर्थन जुटाया जाएगा. संगठन ने उपराज्यपाल, Chief Minister , दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति और डीएमआरसी चेयरमैन को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द छात्रों के लिए 50 प्रतिशत रियायती मेट्रो पास लागू करने की मांग की है.
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पीकेटी/एबीएम