फैक्ट चेक: ईसीआई ने विदेशी मीडिया की खोली पोल, मतदाता सूची में हेराफेरी के विपक्षी दावे को किया खारिज

New Delhi, 12 अगस्त . संसद का मानसून सत्र जारी है और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) तथा वोट चोरी के आरोपों को लेकर सियासत थमती नजर नहीं आ रही है. इस बीच, social media पर विपक्षी नेताओं के हवाले से मतदाता सूची में हेरफेर को लेकर दावा किया जा रहा है, जिसका भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने फैक्ट चेक किया है. ईसीआई ने फैक्ट चेक में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट को ‘भ्रामक’ बताया है.

ईसीआई ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट ‘मतदान में हेराफेरी का दावा करते हुए विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों भारतीय सांसदों को हिरासत में लिया गया’ शीर्षक के आर्टिकल को मिस लीडिंग यानी भ्रामक बताया है. इसमें बिहार मतदाता सूची में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की सच्चाई दिखाने वाले वीडियो के लिंक साझा किए गए. इन वीडियो में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और वामपंथी दलों के प्रतिनिधियों के बयान शामिल हैं.

ईसीआई ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में विपक्षी नेताओं के मतदाता सूची में हेरफेर के दावों को गलत ठहराया.

दरअसल, social media पर ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में प्रकाशित एक आर्टिकल का जिक्र करते हुए दावा किया गया कि New Delhi में एक प्रदर्शन के दौरान विपक्षी नेताओं को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया. इन नेताओं ने Prime Minister Narendra Modi की पार्टी पर चुनाव में गड़बड़ी (धांधली) करने का आरोप लगाया था.

ईसीआई ने फैक्ट चेक में इस खबर को भ्रामक पाया. सटीक मतदाता सूची लोकतंत्र को मजबूत करती है.

आयोग ने कहा, “बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया की पारदर्शिता और सभी Political दलों की भागीदारी को उजागर किया है. कुछ तथ्य इसकी सत्यता को प्रमाणित करते हैं, जिनमें ईसीआई द्वारा एसआईआर के वास्तविक आदेश को लेकर सभी Political दलों की पूर्ण भागीदारी और ड्राफ्ट मतदाता सूची के प्रकाशन से पहले और बाद की बैठकें शामिल हैं.”

बता दें कि विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के सांसदों ने Monday को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ संसद भवन से चुनाव आयोग मुख्यालय तक मार्च निकाला. इस दौरान दिल्ली Police ने इन्हें रोकने की कोशिश की तो विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा काटा था.

एफएम/केआर