28 साल पहले हुई थी गुलशन कुमार की हत्या, पूर्व आईपीएस अधिकारी ने किया अहम खुलासा

Mumbai , 12 अगस्त . आज से ठीक 28 साल पहले 12 अगस्त 1997 को भारतीय संगीत उद्योग को एक ऐसा झटका लगा था, जिससे वह आज तक पूरी तरह उबर नहीं पाया है. देश के सबसे सफल म्यूजिक प्रोड्यूसर और टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस सनसनीखेज हत्याकांड को लेकर पूर्व आईपीएस अधिकारी पी.के. जैन ने अपनी यादें साझा की हैं और कई अहम खुलासे किए.

पी.के. जैन ने बताया कि गुलशन कुमार को अपने करियर के दौरान कई बार फिरौती और धमकी भरे कॉल्स आते थे. हत्या से पहले भी उन्हें चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने इन धमकियों को गंभीरता से नहीं लिया. Mumbai Police की ओर से उन्हें सुरक्षा के तहत गनमैन भी मुहैया कराया गया था, लेकिन दुर्भाग्यवश हत्या वाले दिन गनमैन किसी कारणवश उनके साथ नहीं था. इसी का फायदा उठाकर दो हमलावरों ने मंदिर के बाहर उन पर गोलियां बरसा दीं.

उन्होंने आगे कहा, “दोनो आरोपी करीब एक महीने से गुलशन कुमार की रेकी कर रहे थे. जिस दिन उन्होंने हमला किया, उस वक्त गुलशन कुमार के साथ कोई नहीं था.”

पूर्व अधिकारी ने बताया कि उस समय दो प्रमुख एंगल Police के सामने थे. पहला, संगीतकार नदीम सैफी की कड़वाहट, नदीम और गुलशन कुमार के बीच कथित रूप से व्यावसायिक रिश्तों में तनाव था. कहा गया कि टी-सीरीज ने नदीम को महत्व नहीं दिया, जिससे नाराज होकर उन्होंने हत्या की साजिश रची. आरोप यह भी लगा कि नदीम ने इसके लिए डी गैंग को पैसे भी दिए. और दूसरा एंगल दाउद इब्राहिम से ही जुड़ा है. गुलशन कुमार से हर महीने रंगदारी मांगी जा रही थी लेकिन उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया था.”

उन्होंने आगे बताया कि हत्या के बाद नदीम सैफी लंदन भाग गए थे. India Government ने उन्हें वापस लाने की कोशिश की, लेकिन यूके कोर्ट ने उन्हें India प्रत्यर्पित करने से मना कर दिया. नदीम ने कोर्ट में दावा किया कि, “Mumbai Police मुझे फंसाने की कोशिश कर रही है, इसलिए मुझे India नहीं भेजा जाना चाहिए. हालांकि कुछ आरोपियों को सजा मिली और उन्होंने जुर्म भी कबूल किया, लेकिन इस हत्याकांड के असली आरोपी अभी भी बाहर हैं.”

बता दें कि 12 अगस्‍त 1997 को जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर गुलशन कुमार पर ताबड़तोड़ 16 गोलियां चलाई गई थीं, जिससे उनकी मौत हो गई.

पीके/केआर