इंडिया गठबंधन के सांसदों के चुनाव आयोग जाने से डरी भाजपा: कुणाल घोष

कोलकाता, 11 अगस्‍त . इंडिया गठबंधन के सांसदों ने Monday को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ मार्च निकाला. इस मार्च को लेकर टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि तृणमूल सांसदों और इंडिया गठबंधन के सांसदों के चुनाव आयोग जाने से भाजपा डरी हुई है. यह घटना निष्पक्ष नहीं, बल्कि पक्षपातपूर्ण हो गई है. भाजपा लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भरोसा नहीं रखती है और वह बौखला गई है.

Union Minister किरेन रिजिजू ने इंडिया गठबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें सर्वोच्च न्यायालय या चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है. उनके इस बयान पर कुणाल घोष ने पलटवार करते हुए कहा कि आपको आम जनता पर भरोसा नहीं है. आप कहते हैं कि इंडिया गठबंधन को चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है, सर्वोच्च न्यायालय पर भरोसा नहीं है. हमें सर्वोच्च न्यायालय पर भरोसा है, और लोकतंत्र के स्तंभ को प्रभावित करने का आपका प्रयास आपत्तिजनक है.

कुणाल घोष ने राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें अपनी ही पार्टी में घेर लिया गया है. सुकांत मजूमदार, समिक भट्टाचार्य और दिलीप घोष उनके कार्यक्रमों में शामिल नहीं होते. उनके कार्यक्रम फ्लॉप रहे हैं. वो अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते रहते हैं.

Lok Sabha में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों पर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि हम बार-बार कह रहे हैं कि चुनाव आयोग को एक उचित और सटीक मतदाता सूची तैयार करनी चाहिए. देश में सबसे पहले ममता बनर्जी ने इस मतदाता सूची घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई थी. Maharashtra और दिल्ली में यही हुआ. ममता बनर्जी ने इसे पकड़ा. टीएमसी मतदाता सूची की गंभीरता से जांच कर रही है. अगर Maharashtra और दिल्ली की भाजपा विरोधी पार्टियां इसे पहले पहचान लेतीं तो शायद परिणाम विपरीत होते.

कुणाल घोष ने आरजी कर अस्पताल मामले के मृतक डॉक्टर के माता-पिता पर कथित Police लाठीचार्ज के बारे में बात की. उन्होंने कहा, “एक भी तस्वीर दिखाइए जिससे साबित हो कि Police ने आरोपों को पुख्ता करने के लिए कुछ किया. Police ने कोई कार्रवाई नहीं की. इतने सारे बयान दिए गए, फिर भी एक भी तस्वीर में Police को कुछ करते हुए नहीं दिखाया गया.”

एकेएस/डीएससी