Mumbai , 11 अगस्त . नागपुर के भोसले परिवार के संस्थापक रघुजी भोसले की ऐतिहासिक तलवार नीलामी के लिए रखी गई थी. 29 अप्रैल को राज्य Government द्वारा इसे खरीदने के बाद Monday को इसका वास्तविक स्वामित्व राज्य Government के पास आ गया है.
राज्य के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार ने लंदन में इस तलवार का स्वामित्व स्वीकार कर लिया. कुछ तकनीकी कारणों से इसे एक मध्यस्थ के माध्यम से खरीदना पड़ा, लेकिन अब उन्होंने सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इसे अपने स्वामित्व में ले लिया है. अब यह तलवार जल्द ही Maharashtra आएगी और इसका स्थायी स्वामित्व राज्य Government के पास रहेगा.
प्रदेश Government के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार ने कहा कि हमें विशेष रूप से खुशी है कि यह तलवार अब आधिकारिक रूप से राज्य Government के स्वामित्व में आ गई है. मैं सभी सहयोगियों को हार्दिक बधाई देता हूं जिन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की.
छत्रपति शाहू महाराज ने रघुजी भोसले को ‘सेनासाहिबसुभा’ की उपाधि दी थी. रघुजी भोसले ने कई युद्ध अभियानों का नेतृत्व किया और मराठा साम्राज्य का विस्तार बंगाल और Odisha तक किया. उन्होंने दक्षिण India में भी अपना सैन्य और Political प्रभुत्व स्थापित किया.
यह तलवार मराठा शैली की फिरंगी तलवार का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. एकधारी ब्लेड और सोने की नक्काशी इस तलवार की खासियत हैं.
उस समय यूरोपीय निर्मित तलवारें प्रसिद्ध थीं. इस तलवार के पीछे नीचे की ओर सोने के पानी से ‘श्रीमंत राघोजी भोसले सेनासाहिबसुभा’ लिखा हुआ है.
1817 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने नागपुर में भोसले के खजाने को लूटा था. विशेषज्ञों का मानना है कि ईस्ट इंडिया कंपनी यह तलवार अपने साथ लेकर चली गई.
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एकेएस/डीएससी