New Delhi,11 अगस्त . संसद से चुनाव आयोग तक इंडिया ब्लॉक गठबंधन की ओर से निकाले गए विरोध मार्च के दौरान दिल्ली Police ने 200 से ज्यादा विपक्षी दलों के सांसद को डिटेन किया था. सांसदों को अलग-अलग थाने ले जाया गया, जहां कुछ देर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.
विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि Government उन्हें मार्च निकालने की इजाजत नहीं दे रही है. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य नेताओं ने केंद्र Government और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए.
इस पूरे मामले पर एडिशनल सीपी (New Delhi रेंज) दीपक पुरोहित ने कहा कि विपक्षी सांसदों ने मार्च निकालने के लिए इजाजत नहीं ली थी.
से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सबसे पहले यह बात महत्वपूर्ण है कि यह बिना अनुमति के मार्च था. दूसरी बात, चुनाव आयोग ने उन्हें बताया था कि 30 सदस्य चर्चा के लिए आ सकते हैं, और उन्हें दोपहर 12 बजे का समय भी दिया था. लेकिन वे तय नहीं कर पा रहे थे कि कौन से 30 सदस्य जाएंगे, क्योंकि हर कोई आना चाहता था. इसलिए, कानून-व्यवस्था के कारणों से, 200 से ज़्यादा सांसदों और उनके कुछ Political नेतृत्व को कानून के अनुसार हिरासत में लिया गया, और उन्हें दोपहर 2 बजे के आसपास रिहा कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से विपक्षी नेताओं के साथ बातचीत चल रही थी और चुनाव आयोग से मिलने के लिए 30 सदस्यों के नाम मांगे गए थे, लेकिन अलायंस यह तय नहीं कर पाया कि कौन जाएगा. यदि 30 सदस्यों की सूची दी जाती, तो Police उनकी सुविधा सुनिश्चित करती.
पुरोहित ने आश्वासन दिया कि यदि विपक्षी दल नाम तय करते हैं, तो Police उन्हें चुनाव आयोग कार्यालय तक पहुंचाएगी, जहां उचित व्यवस्था मौजूद है.
विरोध मार्च के दौरान सांसदों के बेहोश होने के मुद्दे पर एडिशनल सीपी (New Delhi रेंज) दीपक पुरोहित ने स्पष्ट किया कि हिरासत के दौरान सभी व्यवस्थाएं की गई थीं. पीने के लिए पानी और कोल्ड ड्रिंक उपलब्ध थे, और सांसदों की देखभाल के लिए हर संभव प्रयास किया गया. हिरासत में लिए गए 200 से अधिक सांसदों और कुछ Political नेताओं को दोपहर 2 बजे के आसपास रिहा कर दिया गया.
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डीकेएम/केआर