दिल्ली हाईकोर्ट ने एनआईए की याचिका पर यासीन मलिक से मांगा जवाब, 10 नवंबर को अगली सुनवाई

New Delhi, 11 अगस्त . टेरर फंडिंग मामले में जेल में बंद अलगाववादी नेता यासीन मलिक से दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है. अदालत ने यासीन मलिक से इस याचिका पर चार हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी.

दरअसल, निचली अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इस फैसले को चुनौती देते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें मलिक को फांसी की सजा देने की मांग की गई है.

हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि यासीन मलिक को नोटिस भेजी जाए और वह चार सप्ताह के भीतर अपना पक्ष अदालत के सामने रखे. मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी.

बता दें कि मई 2022 में कोर्ट ने यासीन मलिक को दोषी ठहराया था. विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद आतंकी फंडिंग मामले में एक विशेष अदालत ने यासीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वहीं, एनआईए ने मलिक के लिए सजा-ए-मौत की मांग करते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.

एनआईए के आरोप 2017 में टेरर फाइनेंसिंग इन्वेस्टिगेशन से जुड़े हैं, जिसमें मलिक के साथ कई अन्य लोग शामिल थे. मई 2022 में ट्रायल कोर्ट ने मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. मलिक ने अपराध कबूल किया था और आरोपों की मुखालफत नहीं की थी. स्पेशल जज ने यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कहा था कि अपराध Supreme court के मुताबिक “रेरेस्ट ऑफ द रेयर” की श्रेणी में नहीं आता है.

आपको बताते चलें, यासीन मलिक, शब्बीर शाह, नईम खान और अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेता देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद तिहाड़ जेल में बंद हैं.

पीएसके/केआर