New Delhi, 11 अगस्त . देश की सर्वोच्च अदालत में Monday को कई महत्वपूर्ण और चर्चित मामलों पर सुनवाई होगी. इन मामलों में Political हस्तियों से जुड़े मुद्दों से लेकर संवैधानिक प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाएं शामिल हैं.
पहले मामले में Supreme court बॉम्बे हाईकोर्ट के वकील घनश्याम उपाध्याय की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें Maharashtra नवनिर्माण सेना (मनसे) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज ठाकरे के खिलाफ First Information Report दर्ज करने की मांग की गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज ठाकरे ने हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने और हिंसा भड़काने वाले बयान दिए. इसमें 5 जुलाई को हुई राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की रैली का जिक्र किया गया है, जहां राज ठाकरे ने मराठी न बोलने वालों की पिटाई को सही ठहराते हुए कार्यकर्ताओं को उनके ‘कान के नीचे लगाने’ की सलाह दी थी.
दूसरे मामले में बिहार एसआईआर की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी Supreme court सुनवाई करेगा. पूर्णिया Lok Sabha सीट से सांसद पप्पू यादव और टीएमसी नेता डेरेक बॉयन ने इस प्रक्रिया में आधार, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र को मान्य दस्तावेज के रूप में शामिल करने की मांग की है. साथ ही प्रवासी मजदूरों को वर्चुअल माध्यम से इस प्रक्रिया में भाग लेने की सुविधा देने की भी अपील की गई है.
दूसरे मामले में पश्चिम बंगाल Government की ओर से हाल ही में ओबीसी-ए और ओबीसी-बी श्रेणी में 140 समुदायों को शामिल करने के फैसले पर भी Supreme court सुनवाई करेगा. इससे पहले 17 जून को कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य Government को इस नई सूची को अधिसूचित करने से रोक दिया था. ममता Government ने इस आदेश को Supreme court में चुनौती दी थी. 28 जुलाई को हुई पिछली सुनवाई में Supreme court ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य Government को बड़ी राहत दी थी.
वहीं, चौथे मामले में कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व Chief Minister भूपेश बघेल की याचिका पर भी सुनवाई होगी, जिसमें उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) की धारा 50 और 63 को असंवैधानिक करार देने की मांग की है. बघेल का कहना है कि ये प्रावधान मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, क्योंकि इनके तहत Enforcement Directorate (ईडी) को किसी भी व्यक्ति को समन करने और उसके खिलाफ बयान देने के लिए बाध्य करने का अधिकार मिलता है.
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पीएसके/एएस