Patna, 9 अगस्त . बिहार तथा नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण प्रदेश की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है. गंगा, कोसी सहित कई नदियां विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
बिहार में नदियों के जलस्तर में वृद्धि से निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. जानकारी के मुताबिक, Patna, वैशाली, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, भोजपुर, मुंगेर, खगड़िया, पूर्णिया और कटिहार जिलों के कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति देखी गई.
इधर, जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि गंगा नदी Patna के दीघा, गांधी घाट, हाथीदह के अलावा मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि कोसी खगड़िया के बलतारा और कटिहार के कुर्सेला में लाल निशान से ऊपर है. इसी तरह, बागमती सोनाखान और बेनीबाद में लाल निशान के ऊपर है, जबकि बूढ़ी गंडक खगड़िया और पुनपुन श्रीपाल पुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड के 13 पंचायतों में लगभग 33,400 आबादी प्रभावित हुई है. प्रभावित लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा वर्तमान में छह सामुदायिक रसोई केंद्रों के माध्यम से भोजन की व्यवस्था की जा रही है. सामुदायिक रसोई केंद्रों के माध्यम से अब तक लगभग 61,500 लोगों को भोजन कराया गया है. साथ ही, जरूरतमंद परिवारों के बीच 2258 पॉलीथीन शीट्स का भी वितरण किया गया है. आवागमन के लिए 120 नावों का परिचालन कराया जा रहा है.
Patna जिले के अथमलगोला, मोकामा, बाढ़, दानापुर एवं Patna सदर प्रखंडों के 14 पंचायतों में लगभग 90,500 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. प्रभावित लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा छह सामुदायिक रसोई केंद्रों के माध्यम से भोजन की व्यवस्था की जा रही है. Patna में सामुदायिक रसोई केंद्रों के माध्यम से अब तक लगभग 17200 लोगों को भोजन कराया गया है. साथ ही, दो बाढ़ राहत शिविर का संचालन भी किया गया है, जहां 1130 लोगों के लिए आवास और भोजन की व्यवस्था की जा रही है. जरूरतमंद परिवारों के बीच ड्राई राशन पॉकेट एवं पॉलीथीन शीट्स का भी वितरण किया गया है.
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एमएनपी/डीएससी