New Delhi, 9 अगस्त . गाजा पर जारी इजरायली हमलों की मुखालफत करते हुए जर्मनी ने इजरायल को आर्म्स सप्लाई से इनकार कर दिया है. अपने फैसले में बर्लिन ने स्पष्ट किया है कि वह ऐसे हथियार नहीं भेजेगा जिनका इस्तेमाल फिलिस्तीनी क्षेत्र में ‘यहूदी देश’ नए सैन्य हमलों के लिए कर सकता है.
जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने Friday को Governmentी वेबसाइट पर एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चूंकि जर्मनी के हथियारों का इस्तेमाल गाजा में हो सकता है इसलिए हथियारों की सप्लाई सस्पेंड कर दी गई है. दरअसल, पिछले दिनों Prime Minister नेतन्याहू की सुरक्षा कैबिनेट ने फिलिस्तीनी एन्क्लेव की राजधानी पर कब्जा करने की योजना को मंजूरी दे दी, जिस पर जर्मनी ने ऐतराज जताया है.
इजरायली Prime Minister कार्यालय ने हमास को निरस्त्र करने, गाजा से सेना हटाने और बंधकों की घर वापसी के व्यापक प्रयास के तहत इस योजना की घोषणा की है. कुछ ही घंटे पहले, नेतन्याहू ने कहा था कि उनका लक्ष्य एन्क्लेव पर पूर्ण सैन्य नियंत्रण हासिल करना है.
इस बीच, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने कहा है कि हालांकि बर्लिन इजरायल के “हमास आतंक के खिलाफ” संघर्ष का समर्थन करता है और इजरायली बंधकों की वापसी को प्राथमिकता देता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि नया सैन्य अभियान इन लक्ष्यों को कैसे हासिल करेगा.
उन्होंने बयान में कहा, “इन परिस्थितियों में, जर्मन Government अगली सूचना तक गाजा पट्टी में इस्तेमाल किए जा सकने वाले किसी भी सैन्य उपकरण का निर्यात नहीं करेगी.”
उन्होंने आगे कहा कि बर्लिन गाजा में फिलिस्तीनियों की पीड़ा को लेकर “बेहद चिंतित” है, और इस बात पर जोर दिया कि इजरायल के नए हमले के बीच, अब यह सुनिश्चित करना बड़ी जिम्मेदारी है कि फिलिस्तीनी नागरिकों को मानवीय सहायता मिले.
संयुक्त राष्ट्र ने इस क्षेत्र में खाद्यान्न की गंभीर स्थिति की चेतावनी दी है और यहूदी राज्य पर मानवीय आपूर्ति के प्रवाह में बाधा डालने का आरोप लगाया है.
बर्लिन के इस फैसले के बाद इजरायली Prime Minister कार्यालय ने कहा कि नेतन्याहू ने जर्मन नेता को फोन कर ‘हथियारों के प्रतिबंध के मर्ज के फैसले पर निराशा” व्यक्त की.
कार्यालय ने Friday को एक्स पर कहा, “हमास के खिलाफ इजरायल के न्यायपूर्ण युद्ध का समर्थन करने के बजाय, बर्लिन हथियारों के प्रतिबंध लगाकर हमास के आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम कर रहा है.”
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केआर/