उत्तरकाशी, 8 अगस्त . उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में पांच अगस्त को आई भीषण आपदा ने भारी तबाही मचाई. इस विपदा के बीच Friday को एक ऐसा भावुक दृश्य सामने आया, जिसने वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम कर दीं.
दरअसल, Chief Minister पुष्कर सिंह धामी राहत और बचाव कार्यों का निरीक्षण करने धराली पहुंचे थे, उनके सामने Gujarat की एक महिला धनगौरी बरौलिया ने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उन्हें राखी बांधी.
Gujarat के Ahmedabad स्थित ईशनपुर निवासी धनगौरी बरौलिया अपने परिवार के साथ गंगोत्री दर्शन के लिए उत्तराखंड आई थीं. पांच अगस्त को आई भीषण आपदा के कारण वे धराली में अपने परिवार सहित फंस गईं. मार्ग अवरुद्ध होने और लगातार मलबा व तेज बहाव के कारण स्थिति अत्यंत चुनौतीपूर्ण हो गई थी.
प्रदेश Government के निर्देशों पर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित राहत व बचाव कार्य प्रारंभ किए गए. Chief Minister पुष्कर सिंह धामी स्वयं तीन दिनों से लगातार क्षेत्र में मौजूद रहकर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं. रेस्क्यू टीमों के अथक प्रयासों से बरौलिया और उनके परिवार को सुरक्षित निकाला गया.
रक्षाबंधन के ठीक एक दिन पहले जब Chief Minister पुष्कर सिंह धामी धराली में राहत कार्यों का जायजा ले रहे थे, तब धनगौरी बरौलिया बरौलिया ने भावुक होकर एक अनोखा कदम उठाया.
उन्होंने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ा और उसे राखी के रूप में Chief Minister के कलाई पर बांध दिया. यह दृश्य इतना मार्मिक था कि वहां मौजूद सभी लोग भाव-विभोर हो गए. यह क्षण न केवल एक भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक बना, बल्कि आपदा के बीच विश्वास और आशा की किरण भी बन गया.
Chief Minister धामी ने इस भावनात्मक क्षण को पूरे सम्मान के साथ स्वीकार किया. उन्होंने कहा, “यह राखी मेरे लिए केवल एक धागा नहीं, बल्कि उस विश्वास और प्रेम का प्रतीक है, जो हमें आपदा की इस घड़ी में एकजुट करता है. राज्य Government हर प्रभावित व्यक्ति के साथ खड़ी है. प्रदेश Government आपदा की इस घड़ी में हर प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी. राज्य Government राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है.”
सीएम धामी ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “धराली में आपदा प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के दौरान एक बहन ने साड़ी का किनारा फाड़ कर मेरी कलाई पर राखी के प्रतीक के रूप में बांधा तो मन अत्यंत भावुक हो उठा. ना थाली, ना चंदन, केवल एक कपड़े का टुकड़ा, लेकिन उसमें रिश्ते का सच्चा एहसास, सुरक्षा का वचन, और मानवता का सबसे सुंदर रूप समाया था. उस राखी में एक बहन की प्रार्थना थी और एक भाई के कंधों पर आया एक नया दायित्व. ये कोई सामान्य राखी नहीं थी.”
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एकेएस/डीएससी