Mumbai , 8 अगस्त . देशभर में लोग रक्षाबंधन का त्यौहार धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रहे हैं. इसी बीच ‘बींदणी’ फेम एक्ट्रेस गौरी सलगांवकर ने Saturday को बताया कि उनका बचपन का रक्षाबंधन कैसा था.
गौरी सलगांवकर बहुत जल्द आने वाले शो ‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बिंदणी’ में ‘घेवर’ के रोल में दिखाई देंगी. उन्होंने बताया कि उनके और भाई के बीच बहुत ही खास रिश्ता है. एक्ट्रेस ने कहा, “वह मेरा बड़ा भाई है, और जब हम बच्चे थे, तब से वह मेरा सबसे बड़ा रक्षक और सहारा रहा है. आज भी मैं उसके साथ रहती हूं, और हमारा रिश्ता भाई-बहन से अधिक अच्छे दोस्तों जैसा है.”
उन्होंने बताया कि बचपन में वे रक्षाबंधन का सिर्फ इसलिए इंतजार करती थीं क्योंकि उन्हें उपहार चाहिए होते थे. गौरी ने कहा, “मैं अपने भाई को कई दिन पहले ही बता देती थी कि मुझे क्या चाहिए; उस समय, सिर्फ राखी बांधना और उपहार पाना ही सब कुछ था.”
गौरी ने कहा कि बड़े होने के बाद पता चला कि ये त्यौहार गिफ्ट पाने से कहीं अधिक है. ये एक अनकहे वादे, भावनात्मक रिश्ते और साथ खड़े एक ऐसे सहारे के जैसा है जो हमेशा उसका साथ देता है.
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि यह त्यौहार हिंदू पौराणिक कथाओं से प्रेरित है. गौरी ने कहा, “रक्षाबंधन वाकई एक खूबसूरत और प्रतीकात्मक त्यौहार है. मुझे महाभारत की यह कहानी हमेशा से बहुत पसंद रही है, कैसे द्रौपदी ने एक बार अपनी साड़ी फाड़कर कृष्ण की कलाई पर बांधी थी, और कैसे बाद में, संकट की घड़ी में कृष्ण ने उनकी रक्षा की थी. यही भाव रक्षाबंधन की आत्मा बन गया. यह याद दिलाता है कि यह रिश्ता सुरक्षा, विश्वास और बिना शर्त प्यार पर टिका है. यह सिर्फ रस्मों-रिवाजों के बारे में नहीं है, यह हमारे जीवन में उन लोगों का जश्न मनाने के बारे में है जो हर हाल में हमारे साथ खड़े रहते हैं.”
गौरी के शो की बात करें तो ‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बिंदणी’ में एक ऐसी महिला की कहानी है, जो रूढ़िवादी सोच के खिलाफ आवाज उठाती है. यह सन नियो चैनल पर 12 अगस्त से रात नौ बजे आना शुरू होगा.
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जेपी/एएस