New Delhi, 8 अगस्त . Prime Minister Narendra Modi की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने Friday को घरेलू एलपीजी की बिक्री पर हुए घाटे के लिए तीन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल को 30,000 करोड़ रुपए का मुआवजे देने को मंजूरी दे दी.
कैबिनेट ने एक बयान में कहा कि ओएमसी के भीतर मुआवजे का वितरण पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा किया जाएगा. मुआवजे का भुगतान 12 किस्तों में किया जाएगा.
Government के अनुसार, यह महत्वपूर्ण कदम इन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की वित्तीय स्थिति को बनाए रखते हुए ग्लोबल एनर्जी मार्केट में उतार-चढ़ाव से उपभोक्ताओं की रक्षा करने की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है.
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों, आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल द्वारा घरेलू एलपीजी सिलेंडर उपभोक्ताओं को रेगुलेटेड कीमतों पर सप्लाई किए जाते हैं.
कैबिनेट नोट के अनुसार, एलपीजी की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें 2024-25 के दौरान उच्च स्तर पर बनी रहेंगी और आगे भी ऊंची बनी रहेंगी.
हालांकि, उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए, लागत में वृद्धि का भार घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं पर नहीं डाला गया, जिससे तीनों तेल विपणन कंपनियों को भारी नुकसान हुआ.
कैबिनेट नोट में कहा गया है, “घाटे के बावजूद, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने देश में किफायती कीमतों पर घरेलू एलपीजी की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की है.”
इस क्षतिपूर्ति से तेल विपणन कंपनियां कच्चे तेल और एलपीजी की खरीद, ऋण चुकाने और अपने पूंजीगत व्यय को बनाए रखने जैसी अपनी महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा कर सकेंगी, जिससे देश भर के घरों में एलपीजी सिलेंडरों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी.
कैबिनेट के बयान के अनुसार, यह कदम Prime Minister उज्ज्वला योजना जैसी प्रमुख योजनाओं के तहत आने वाले उपभोक्ताओं सहित घरेलू एलपीजी के सभी उपभोक्ताओं को क्लीन कुकिंग फ्यूल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य की पुष्टि करता है.
इस बीच, Prime Minister उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत देश भर में (1 जुलाई तक) कम से कम 10.33 करोड़ एलपीजी गैस कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं.
मई 2016 में शुरू की गई पीएमयूवाई का उद्देश्य पूरे India में गरीब परिवारों की 8 करोड़ महिलाओं को बिना जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना है, जो सितंबर 2019 तक हासिल कर लिया गया.
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एसकेटी/