दर्द हो या अकड़न, दूर करने में प्रभावी हैं शोल्डर मूवमेंट के ये ‘चार चरण’

New Delhi, 8 अगस्त . आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और बढ़ती उम्र में कंधों की गतिशीलता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. खराब आदतों में बंधी दिनचर्या के कारण कंधों में अकड़न, दर्द और लचीलेपन में कमी आ सकती है. हालांकि, कंधे से जुड़े कुछ एक्सरसाइज हैं, जिनके अभ्यास से न केवल दर्द और अकड़न दूर होते हैं, बल्कि यह लचीला भी बनाता है.

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कंधों की गतिशीलता बढ़ाने और दर्द से राहत पाने के लिए चार आसान शोल्डर मूवमेंट्स सुझाए हैं, जो योगिक वार्म-अप का हिस्सा हैं. ये व्यायाम कंधों की अकड़न कम करने, गतिशीलता में सुधार और ऊपरी शरीर को सक्रिय करने में मदद करते हैं, जिससे बेहतर मुद्रा और संतुलन के साथ गहरे योग आसनों की तैयारी होती है.

मंत्रालय के अनुसार, ये व्यायाम नियमित करने से न केवल कंधों की सेहत सुधरती है, बल्कि योग और अन्य शारीरिक गतिविधियों के लिए शरीर बेहतर तैयार होता है. इन्हें रोजाना 5-10 मिनट करने से दर्द और अकड़न से राहत मिल सकती है.

इनमें पहला है शोल्डर रोटेशन, यानी कंधे का घुमाव. इस व्यायाम में दोनों कंधों को धीरे-धीरे गोलाकार गति में आगे और पीछे की ओर घुमाया जाता है. इसे 8-10 बार दोनों दिशाओं में करें. यह कंधों और गर्दन की मांसपेशियों को ढीला करता है, अकड़न कम करता है, और रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे कंधों में लचीलापन आता है.

दूसरा है शोल्डर स्ट्रेच, यानी कंधे का खिंचाव. एक हाथ को छाती के सामने से दूसरी ओर ले जाएं और दूसरे हाथ से हल्का दबाव डालकर खींचें. 15-20 सेकंड तक रुकें और फिर दूसरा हाथ दोहराएं. यह कंधों और ऊपरी पीठ की मांसपेशियों को खोलता है, जिससे तनाव और दर्द में राहत मिलती है.

तीसरा है आर्म स्विंग्स या बाहों का झूलना, जिसमें दोनों बाहों को ढीला छोड़कर आगे-पीछे या बगल की ओर धीरे-धीरे झुलाएं. इसे 10-12 बार करें. यह कंधों और बाहों की जोड़ों को लचीला बनाता है और मांसपेशियों को गर्म करता है.

शोल्डर ब्लेड स्क्वीज या कंधे की हड्डी का संकुचन करने के लिए कंधों को पीछे की ओर ले जाकर हड्डियों को आपस में मिलाने की कोशिश करें और 5-10 सेकंड तक रुकें. इसे 8-10 बार दोहराएं. यह मुद्रा पीठ और कंधों की मांसपेशियों को मजबूत करती है और अकड़न को कम करती है.

एमटी/केआर