टैरिफ में बढ़ोतरी दबाव बनाने की कोशिश, हमें देश हित को देनी चाहिए प्राथमिकता : हरवंश चावला

New Delhi, 7 अगस्त . अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप ने India पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की बात कही है. ट्रंप के इस कदम पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए ब्रिक्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष हरवंश चावला ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि टैरिफ में यह बढ़ोतरी India पर अमेरिका के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाने और रूस के साथ हमारे व्यापारिक सौदों को कम करने की एक रणनीति है.

उन्होंने कहा कि सबसे पहले मैं बोलना चाहता हूं कि India को विक्टिम कार्ड प्ले करने की कोई जरूरत नहीं है. इसका रीजन यह है कि आज के डेट में ब्रिक्स देश विश्व की 46 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं और वैश्विक तेल व्यापार का 44 प्रतिशत संभालते हैं. ब्रिक्स देशों के बीच लगभग 30 ट्रिलियन डॉलर का व्यापार होता है. हमारे Prime Minister का दृष्टिकोण और रुख बिल्कुल सही है, हमें राष्ट्र के हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए. इसी बहाने हमें दूसरे देश के साथ ट्रेड करना शुरू कर देना चाहिए. सिर्फ यूनाइटेड स्टेट पर निर्भर रहकर ट्रेड या उन्नति नहीं कर सकते.

उन्होंने आगे कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि टैरिफ में यह बढ़ोतरी India पर अमेरिका के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाने और रूस के साथ हमारे व्यापारिक सौदों को कम करने की एक दबाव वाली रणनीति है. टैरिफ 27 अगस्त से शुरू होगा. 20 से 21 दिन का समय दिया गया है, हम इसके ऊपर नेगोशिएट करें, हम इस पर यूनाइटेड स्टेट के साथ बैठकर बात करें. इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह सब दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि अगर हमारा टैलेंट यहां से पहले अमेरिका या यूरोप जा रहा था या दूसरे देशों में जा रहा था, अब वह टैलेंट इंडिया का इंडिया में ही रहेगा. यह एक देखने का नजरिया है और मेरा मानना है कि इसमें कोई घबराने वाली बात नहीं है. हमारे यहां जो टैलेंट था वो पहले नौकरी करने के लिए बाहर जाता था लेकिन अब उनको नौकरी हिंदुस्तान में ही मिलेगी.

वहीं ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रभाष रंजन ने कहा कि अमेरिका ने रूस से India की तेल खरीद का हवाला देते हुए कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. लेकिन, तेल या हथियार खरीदना India का अपना निर्णय है. अगर अमेरिका इसके लिए India को दंडित करता है तो यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन है. ये टैरिफ पूरी तरह से अवैध हैं. India अपने हितों की रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार रहता है. India के पास ग्लोबल साउथ का लीडर बनने का सबसे बड़ा अवसर है. अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप अंतरराष्ट्रीय कानून को नहीं मान रहे हैं.

एकेएस/जीकेटी