Mumbai , 7 अगस्त . Samajwadi Party (सपा) के नेता अबू आजमी ने अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप के India पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की घोषणा पर तीखी प्रतिक्रिया दी. से बातचीत में उन्होंने India की विदेश नीति, पड़ोसी देशों के साथ संबंध और सामाजिक-Political मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी. आजमी ने ट्रंप की नीतियों को एकतरफा और India जैसे देशों की संप्रभुता के लिए खतरा बताया.
उन्होंने कहा, “ट्रंप का 50 प्रतिशत टैरिफ का फैसला India जैसे देशों को आर्थिक दबाव में लाने की कोशिश है. हमारी आजादी यह अधिकार देती है कि हम जहां से सस्ता पेट्रोल या अन्य सामान मिले, वहां से खरीदें. रूस से 40 प्रतिशत सस्ता पेट्रोल आता है, जिसे हम खरीदते हैं और रिफाइन कर छोटे देशों को बेचते हैं. इससे India को आर्थिक लाभ होता है. ट्रंप इसे रोकना चाहते हैं, जो उनकी एकाधिकारवादी सोच को दर्शाता है.”
सपा नेता ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के समय India की विदेश नीति मजबूत थी, लेकिन अब यह गलत दिशा में जा रही है. पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश, Pakistan, नेपाल और श्रीलंका के साथ अच्छे संबंध बनाने चाहिए. इन देशों के साथ मिलकर एक मजबूत क्षेत्रीय संगठन बनाना चाहिए ताकि अमेरिका जैसे देशों की वैश्विक चौधराहट को चुनौती दी जा सके.
उन्होंने इजरायल को India के समर्थन पर भी आपत्ति जताई और कहा कि यह नीति बच्चों और निर्दोषों पर हो रहे अत्याचारों को अनदेखा करती है.
उन्होंने धार्मिक नफरत फैलाने वाली फिल्मों और बयानों पर सख्त कानून बनाने की मांग की और कहा कि कोई भी धर्म, धार्मिक गुरु या पवित्र किताब के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वालों को कम से कम 10 साल की सजा होनी चाहिए. इससे ऐसी घटनाएं रुकेंगी.
आजमी ने मालेगांव ब्लास्ट मामले पर भी सवाल उठाए और कहा कि अगर इस पर फिल्म बनती है, तो सच्चाई सामने लानी चाहिए. प्रज्ञा सिंह ठाकुर, पुरोहित और पांडे जैसे लोगों के खिलाफ सबूत थे, लेकिन केस को एटीएस से हटाकर एनआईए को दे दिया गया. Governmentी वकील रोहिणी सालियान से कहा गया कि वे नरमी बरतें. 40 गवाह मुकर गए और मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों को नजरअंदाज किया गया. यह सब फिल्म में दिखाना चाहिए ताकि सच सामने आए.
उन्होंने कहा कि चीन ने हमारी सीमा पर कब्जा किया है, फिर भी हम उनके साथ दोस्ती की बात करते हैं. यह नीति समझ से परे है.
उन्होंने किसानों की आत्महत्या और रोजगार की कमी जैसे मुद्दों पर भी Government को घेरा.
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एसएचके/एबीएम