New Delhi, 6 अगस्त . आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने Wednesday को घोषणा की कि केंद्र के आर्थिक भागीदारी कार्यक्रम प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के 10 वर्ष पूरे होने के साथ बड़ी संख्या में योजना से जुड़े खातों को दोबारा केवाईसी अपडेट की आवश्यकता हो गई है.
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 1 जुलाई से 30 सितंबर तक पंचायत स्तर पर जन धन योजना खाताधारकों के दोबारा केवाईसी के लिए शिविर आयोजित कर रहे हैं.
आरबीआई गवर्नर ने कहा, “बैंक ग्राहकों के डोर-स्टेप पर सेवाएं प्रदान करने के प्रयास में पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित कर रहे हैं. नए बैंक खाते खोलने और पुनः केवाईसी के अलावा, ये शिविर वित्तीय समावेशन और ग्राहक शिकायत निवारण के लिए सूक्ष्म बीमा और पेंशन योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे.”
पुनः केवाईसी एक सरल प्रक्रिया है, जिसके तहत कोई व्यक्ति अपने व्यक्तिगत और पते का विवरण अपडेट कर सकता है ताकि जिस बैंक में उसका खाता है, उसके साथ उसका रिकॉर्ड अपडेट रहे.
आरबीआई ने मृत बैंक ग्राहकों के सुरक्षित अभिरक्षा या सुरक्षित जमा लॉकरों में रखी वस्तुओं से संबंधित दावों के निपटान हेतु एक नीति की भी घोषणा की. इससे निपटान अधिक सुविधाजनक और सरल होने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) एक सरकारी वित्तीय समावेशन कार्यक्रम है, जो किफायती तरीके से वित्तीय सेवाओं, जैसे कि बुनियादी बचत और जमा खाते, प्रेषण, ऋण, बीमा और पेंशन तक पहुंच सुनिश्चित करता है.
इस योजना के तहत, जिन व्यक्तियों का कोई अन्य खाता नहीं है, वे किसी भी बैंक शाखा या व्यवसाय संवाददाता (बैंक मित्र) आउटलेट में एक बुनियादी बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता खोल सकते हैं.
पीएमजेडीवाई खाताधारक को रुपे डेबिट कार्ड प्रदान किया जाता है. पीएमजेडीवाई खाताधारकों को जारी किए गए रुपे कार्ड के साथ 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर उपलब्ध है.
पीएमओ इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री जन धन योजना ने सबसे गरीब लोगों के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को बदल दिया है. योजना ने बैंकों और बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों के बीच की खाई को पाट दिया है, जिससे सम्मान, आत्मनिर्भरता और आर्थिक समावेशन को बढ़ावा मिला है.”
अभी तक पीएमजेडीवाई के तहत 55.90 करोड़ से ज्यादा खाते खोले जा चुके हैं. इसके अलावा, सरकार ने वित्तीय समावेशन को मजबूत करने और बुनियादी बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं.
इस दिशा में, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत 35.13 लाख करोड़ रुपएय से अधिक के 53.85 करोड़ ऋण स्वीकृत किए गए हैं.
पीएमएमवाई सूक्ष्म और लघु उद्यमों को 20 लाख रुपए तक का कोलेटरल-फ्री लोन प्रदान करता है, जिससे स्वरोजगार और आय सृजन संभव होता है.
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