चेन्नई, 6 अगस्त . तमिलनाडु के करीब 14 भारतीय मछुआरों को Wednesday तड़के श्रीलंकाई नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया. मछुआरे दो नावों में सवार थे, जिनमें से एक नाव में 10 और दूसरी में चार मछुआरे थे. उन्हें अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार कर श्रीलंकाई जल क्षेत्र में मछली पकड़ने की कोशिश करने पर गिरफ्तार किया गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये गिरफ्तारियां कालपितिया लैगून क्षेत्र में हुई, जहां मछुआरों पर समुद्री सीमा का उल्लंघन करने का आरोप लगा है. हिरासत में लिए जाने के बाद मछुआरों को पूछताछ के लिए पुट्टलम स्थित श्रीलंकाई नौसेना के शिविर ले जाया गया.
यह मामला तमिलनाडु और पुडुचेरी के मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना की ओर से गिरफ्तार किए जाने की घटनाओं की एक कड़ी है. इसके अलावा, श्रीलंकाई अधिकारी कई बार उच्च शक्ति वाली मछली पकड़ने वाली नावें जब्त कर चुके हैं और कुछ मामलों में उन्हें राष्ट्रीयकृत करने की प्रक्रिया भी अपनाई है, जिससे तमिलनाडु के तटीय मछुआरा समुदायों की आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ा है.
तमिलनाडु के मछुआरों ने बार-बार श्रीलंकाई नौसैनिक कर्मचारियों की ओर से उत्पीड़न और समुद्री डाकुओं के हमलों की शिकायत की है. इन घटनाओं ने मछुआरा समुदायों में डर बढ़ा दिया है और तमिलनाडु Government को बार-बार राजनयिक हस्तक्षेप करना पड़ा है.
Chief Minister एम.के. स्टालिन ने लगातार केंद्र Government के साथ इस मामले को बातचीत की. कुछ दिन पहले, उन्होंने Prime Minister Narendra Modi और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को कई पत्र लिखकर गिरफ्तार मछुआरों और उनके जब्त किए गए मछली पकड़ने वाले जहाजों की रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
इस बीच, गिरफ्तार मछुआरों पर लगाए जा रहे जुर्माने और उन्हें पकड़े जाने के दौरान गोलीबारी और हिंसक झड़पों की खबरों को लेकर भी चिंताएं जताई गई हैं.
तमिलनाडु Government समुद्री सीमा के पास काम करने वाले भारतीय मछुआरों के अधिकारों और आजीविका की रक्षा के लिए एक स्थायी कूटनीतिक समाधान पर लगातार दबाव बना रही है.
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डीसीएच/