New Delhi, 5 अगस्त . भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) आधारित दैनिक लेनदेन की संख्या पहली बार 70.7 करोड़ तक पहुंच गए हैं.
यह उपलब्धि इस महीने 2 अगस्त को हासिल की गई.
पिछले दो वर्षों में, दैनिक लेनदेन की संख्या दोगुनी हो गई है, हालांकि, पिछले वर्षों की तुलना में यह वृद्धि धीमी रही है.
अगस्त 2023 में, यूपीआई प्रतिदिन लगभग 35 करोड़ लेनदेन दर्ज कर रहा था, जो अगस्त 2024 में बढ़कर 50 करोड़ दैनिक लेनदेन हो गया.
Government ने यूपीआई के लिए प्रतिदिन 100 करोड़ लेनदेन हासिल करने का लक्ष्य रखा है और उम्मीद है कि मौजूदा विकास दर के साथ यह प्लेटफॉर्म अगले वर्ष इस लक्ष्य तक पहुंच जाएगा.
फिनटेक कंपनियों और भुगतान संघों के अनुसार, यूपीआई के बिजनेस मॉडल को अगले साल तक एक अरब लेनदेन हासिल करने के लिए मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को फिर से लागू करना चाहिए.
उन्होंने Government से प्रमुख व्यापारियों और उच्च-मूल्य वाले लेनदेन के लिए मार्जिनल एमडीआर स्थापित करने का अनुरोध किया.
Government ने यूपीआई के लिए सब्सिडी को वित्त वर्ष 24 में लगभग 4,500 करोड़ रुपए से घटाकर वित्त वर्ष 25 में 1,500 करोड़ रुपए कर दिया, लेकिन उसने इस इकोसिस्टम की एमडीआर मांग को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.
हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी भुगतान कंपनियों की एमडीआर मांग का समर्थन किया.
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा कि यूपीआई इंटरफेस को वित्तीय रूप से सस्टेनेबल बनाया जाना चाहिए.
यूपीआई सिस्टम वर्तमान में उपयोगकर्ताओं के लिए निःशुल्क है और Government पेमेंट फ्रेमवर्क का समर्थन करने वाले बैंकों और अन्य हितधारकों को सब्सिडी देकर लागत वहन करती है.
उन्होंने कहा, “किसी न किसी को तो यह लागत वहन करनी ही होगी.”
‘एमडीआर’ डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया के लिए बैंकों द्वारा व्यापारियों से लिया जाने वाला शुल्क है, जो आमतौर पर लेनदेन मूल्य का 1 प्रतिशत से 3 प्रतिशत तक होता है.
इसे दिसंबर 2019 में Government द्वारा रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई लेनदेन पर माफ कर दिया गया था.
यह स्पष्ट नहीं है कि एमडीआर को फिर से लागू किया जाएगा या यूजर्स को यूपीआई इंफ्रास्ट्रक्चर का खर्च भी वहन करना होगा.
आरबीआई गवर्नर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब यूपीआई ने दैनिक लेनदेन मात्रा के मामले में वैश्विक भुगतान दिग्गज वीजा को पीछे छोड़ दिया है.
पिछले महीने, यूपीआई ने 25 लाख करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के लगभग 19.5 बिलियन लेनदेन दर्ज किए.
इसका मतलब है कि एक दिन में औसतन लगभग 650 मिलियन लेनदेन होते हैं और इसका दैनिक मूल्य लगभग 83,000 करोड़ रुपए है.
यूपीआई अब India में सभी डिजिटल लेनदेन का लगभग 85 प्रतिशत और दुनिया भर में सभी रियल-टाइम डिजिटल भुगतानों का लगभग 50 प्रतिशत संचालित करता है.
जैसे-जैसे इंटरनेट की पहुंच बढ़ रही है और अधिक से अधिक उपभोक्ता और व्यवसाय डिजिटल भुगतान अपना रहे हैं, इस प्लेटफ़ॉर्म में मासिक आधार पर 5-7 प्रतिशत और सालाना आधार पर 40 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है.
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एसकेटी/