आयुष मंत्रालय ने औषधीय पौधों के संरक्षण के लिए 2 समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर

New Delhi, 4 अगस्त . आयुष मंत्रालय ने Monday को देश में औषधीय पौधों के संरक्षण और जन जागरूकता बढ़ाने के लिए दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. ये समझौते नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड (एनएमपीबी) के माध्यम से किए गए हैं.

पहला समझौता एनएमपीबी और इशवेद-बायोप्लांट्स वेंचर, Maharashtra के बीच हुआ है, जबकि दूसरा त्रिपक्षीय समझौता एनएमपीबी, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), New Delhi के बीच साइन किया गया.

इस अवसर पर Union Minister प्रतापराव जाधव ने कहा, “Prime Minister Narendra Modi का 2047 तक एक स्वस्थ और आत्मनिर्भर India बनाने का विजन ही हमारे प्रयासों को दिशा दे रहा है. मैं इन एमओयू से जुड़े सभी संस्थानों को बधाई देता हूं. ये समझौते India की समृद्ध औषधीय पौधों की विरासत के संरक्षण और प्रचार में एक महत्वपूर्ण कदम हैं.”

उन्होंने कहा कि पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान को एक साथ जोड़कर हम इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर ठोस प्रगति कर रहे हैं.

पहला समझौता एनएमपीबी और इशवेद-बायोप्लांट्स वेंचर के बीच हुआ. यह समझौता देश में दुर्लभ, संकटग्रस्त और लुप्तप्राय (आरईटी) श्रेणी के औषधीय पौधों के संरक्षण और उन्हें बढ़ावा देने के लिए किया गया है. इसके तहत टिशू कल्चर तकनीक के माध्यम से इन पौधों का संरक्षण, संवर्धन और बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा.

यह समझौता उन सभी हितधारकों को लाभ देगा जो आयुष उद्योग में इन औषधीय पौधों का उपयोग करते हैं. इससे (आरईटी) श्रेणी के औषधीय पौधों की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी और वैज्ञानिक तरीकों से इनका संरक्षण किया जा सकेगा.

दूसरा समझौता एनएमपीबी, एआईआईए और एम्स (New Delhi) के बीच हुआ. इस त्रिपक्षीय एमओयू का उद्देश्य एम्स परिसर में राष्ट्रीय स्तर का औषधीय पौधों का उद्यान स्थापित करना है.

इसका मकसद आम लोगों, खासकर मरीजों, छात्रों और अस्पताल आने वाले आगंतुकों को औषधीय पौधों के प्रति जागरूक करना है. यहां आने वाले लोगों को इन पौधों की उपयोगिता, महत्व और वैज्ञानिक जानकारी मिलेगी, जिससे भारतीय चिकित्सा पद्धति को और बढ़ावा मिलेगा.

यह पहल India की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.

वीकेयू/जीकेटी