New Delhi, 4 अगस्त . देश के तीन प्रमुख पर्वतारोहण संस्थानों, जवाहर पर्वतारोहण एवं शीतकालीन खेल संस्थान पहलगाम, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी और हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान दार्जिलिंग, के प्रशिक्षकों की एक संयुक्त टीम ने पैंगोंग त्सो क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटियों पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की है.
लद्दाख क्षेत्र में इस साहसिक अभियान का आयोजन और नेतृत्व कर्नल हेम चंद्र सिंह द्वारा किया गया. वह जवाहर पर्वतारोहण एवं शीतकालीन खेल संस्थान पहलगाम में प्रिंसिपल हैं. यह भारत के पर्वतारोहण समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है.
जवाहर पर्वतारोहण एवं शीतकालीन खेल संस्थान के मुताबिक, सफल आरोहण का आरंभ माउंट मेरग-3 की 6,480 मीटर या 21,254 फीट ऊंची चोटी से 29 जुलाई को सुबह 9.39 बजे हुआ. इसके उपरांत भारतीय पर्वतारोहण दल ने माउंट कांगजू कांगरी की 6,710 मीटर या 22,008 फीट ऊंची चोटी पर 2 अगस्त को चढ़ाई की.
यह अभियान 24 जुलाई को जम्मू कश्मीर के सोनमर्ग से कर्नल हेम चंद्र सिंह द्वारा ध्वज दिखाकर रवाना किया गया था.
अत्यधिक ऊंचाई और कठिन मौसम की चुनौतियों के बावजूद, टीम ने असाधारण साहस, दृढ़ता और सामूहिक समर्पण का प्रदर्शन करते हुए भारतीय पर्वतारोहण के इतिहास में एक नई मिसाल कायम की.
अभियान में शामिल सदस्यों में कर्नल हेम चंद्र सिंह (अभियान प्रमुख), मानद लेफ्टिनेंट (सेनि) रफीक अहमद मलिक, हवलदार सज्जाद हुसैन, नायक भारत सिंह, हवलदार एनए योगेश, सूबेदार मेजर हजारी लाल, नायब सूबेदार भूपिंदर सिंह, रोबिन गुरुंग व जुबिन राय शामिल रहे.
जवाहर पर्वतारोहण एवं शीतकालीन खेल संस्थान का कहना है कि यह महत्वपूर्ण उपलब्धि भारत के पर्वतारोहियों की अदम्य साहसिक भावना और सहनशक्ति की प्रतीक है. यह देश के रोमांचक खेलों और ऊंचाई वाले अभियानों में बढ़ती क्षमता को भी दर्शाती है.
पर्वतारोहण विशेषज्ञों ने इस असाधारण उपलब्धि के लिए पूरी टीम को दिल से बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. इसके साथ ही उनका कहना है कि यह अभियान युवा पर्वतारोहियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा.
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जीसीबी/एबीएम