New Delhi, 4 अगस्त . संसद के मानसून सत्र के तीसरे हफ्ते का पहला दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया. इस पर संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “हमारे विपक्ष के साथियों ने फिर हंगामा किया और संसद नहीं चलने दी. Monday को नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल और नेशनल एंटी-डोपिंग एमेंडमेंट बिल पर चर्चा करनी थी लेकिन वो नहीं हो पाया.”
रिजिजू ने कहा, “खेल और खिलाड़ी के लिए महत्वपूर्ण बिल पर चर्चा करनी थी, लेकिन इसको भी नहीं होने दिया. ऐसे में हम लोगों ने पर्याप्त संख्या होने के बावजूद इस बिल को पारित नहीं किया. हम विपक्ष को संदेश देना चाहते हैं कि बिना चर्चा के खेल जैसे महत्वपूर्ण बिल को हम लोग पास नहीं करना चाहते.”
उन्होंने कहा कि मजबूरन कभी-कभी हंगामे के बीच किसी बिल को पारित करना पड़ता है. विपक्ष के नेताओं को कहना चाहते हैं कि आप लोगों ने दो सप्ताह पहले जो वादा किया था उस पर कायम रहें, तो Tuesday से बिल पारित करने की कोशिश की जाएगी.
उन्होंने अनुरोध किया कि बिना चर्चा के बिल पारित करने के लिए मजबूर न करें. हम बिना चर्चा के बिल पारित करने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन देश हित में बिल पारित करना भी आवश्यक है.
संसदीय मंत्री ने कहा, “मैं उम्मीद करता हूं कि देश में संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चले. कांग्रेस और अन्य दलों के कई सांसदों से मैंने बात की है. संसदीय कार्यमंत्री होने के नाते हम अलग-अलग दलों के नेताओं से मिलते रहते हैं. सबका मानना है कि संसद चलनी चाहिए. लेकिन जो उनके नेतृत्व का निर्णय होता है, उसके कारण ही उनके सांसद सदन में हंगामा करते हैं. सदन न चलने से सबसे ज्यादा नुकसान सांसदों को ही होता है. यह बात सभी को अच्छी तरह से मालूम है.”
उन्होंने कहा, “जब संसद चलती है, तो सांसदों को सरकार से सवाल पूछने का मौका मिलता है. फिर सरकार को जवाब देना पड़ता है, क्योंकि यह लोकतंत्र है. जब संसद नहीं चलेगी, तो सवाल नहीं पूछे जाएंगे और सरकार से जवाब भी नहीं मांगा जा सकेगा. इससे लोकतंत्र को ही नुकसान होगा.”
रिजिजू ने कहा, “कई सांसदों ने मुझसे निजी तौर पर कहा है कि संसद न चलने से सबसे अधिक नुकसान उन्हें ही होता है, क्योंकि उनके क्षेत्र के लोग उनसे सवाल पूछते हैं.”
उन्होंने कहा, “जनता उन्हें संसद में काम करने और अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए भेजती है, न कि केवल हंगामा करने के लिए. हंगामा करने से चुनाव नहीं जीता जाता. देश के लिए काम करने से ही जनता समर्थन देती है.”
रिजिजू ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि Tuesday को कांग्रेस और अन्य दल संसद की कार्यवाही में रुकावट नहीं डालेंगे. अगर वे फिर भी रुकावट डालते हैं, तो हंगामे के बीच भी हम महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करेंगे. उन्होंने कहा कि हम विपक्ष से अपील करते हैं कि वे सुझाव जरूर दें, लेकिन गतिरोध और हंगामा करके संसद न रोकें. सदन एक गंभीर मंच है. जनता ने आपको बोलने के लिए भेजा है, चिल्लाने और हंगामा करने के लिए नहीं. उम्मीद करता हूं कि Tuesday को सदन सुचारू रूप से चलेगा.
Lok Sabha में विपक्षी सांसदों के नारे लगाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आज सदन की स्थिति देखकर मुझे दुख हुआ. सभी दलों ने मिलकर राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक पर चर्चा करने और उसे पारित करने का फैसला किया था. विपक्ष के अनुरोध पर, हम इन विधेयकों पर चर्चा के लिए दो दिन देने के लिए सहमत हुए. अब जब हम खिलाड़ियों के लिए यह महत्वपूर्ण विधेयक लाए हैं, तो विपक्ष व्यवधान पैदा कर रहा है.”
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वीकेयू/केआर