क्वेटा, 4 अगस्त . पाकिस्तान स्थित एक मानवाधिकार संगठन ने Monday को बताया कि 2025 की शुरुआत से अब तक बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों और “राज्य-समर्थित डेथ स्क्वॉड्स” ने 785 लोगों को जबरन गायब कर दिया है और 121 लोगों की हत्या कर दी है.
बलूच नेशनल मूवमेंट के मानवाधिकार विभाग ‘पांक’ द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया कि औसतन हर दिन चार लोग जबरन लापता किए जा रहे हैं और एक व्यक्ति की हत्या की जा रही है. इन पीड़ितों में छात्र, पत्रकार और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी शामिल हैं, जिनमें से कई को कराची और इस्लामाबाद जैसे शहरों से अगवा किया गया.
रिपोर्ट में बताया गया, “ये कार्रवाइयां सुरक्षा बलों और पाक समर्थित डेथ स्क्वॉड्स द्वारा की गई हैं जो पूर्ण दंडमुक्ति के साथ काम कर रहे हैं.”
हाल ही में 2 अगस्त को दिल जान बलूच की हत्या का मामला सामने आया, जिन्हें 22 जुलाई को बलूचिस्तान के केच जिले से जबरन गायब किया गया था.
एक अन्य घटना Sunday को सामने आई जब दिसंबर 2024 से लापता इनायत खैर मोहम्मद को भी पाकिस्तान समर्थित डेथ स्क्वॉड ने मार डाला. इसकी पुष्टि ह्यूमन राइट्स काउंसिल ऑफ बलूचिस्तान (एचआरसीबी) ने की.
एचआरसीबी ने बताया कि ये डेथ स्क्वॉड्स “पूरी तरह से दंडमुक्त” होकर काम कर रहे हैं और ऐसा माना जाता है कि ये बलूचिस्तान में राज्य के हितों के लिए काम करते हैं.
एचआरसीबी ने बताया, “यह पैटर्न पहले से दर्ज तरीकों के अनुरूप है, जिनका उद्देश्य बलूचिस्तान में राज्य नीति की आलोचना करने वाली आवाजों को चुप कराना और न्याय प्रणाली तथा निगरानी तंत्र से बचना है.”
मानवाधिकार संगठनों ने कहा कि ये कार्रवाइयां पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संधियों के तहत बाध्य दायित्वों का उल्लंघन हैं, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय नागरिक और राजनीतिक अधिकारों की संधि के अंतर्गत जीवन का अधिकार, मनमानी गिरफ्तारी से सुरक्षा और जबरन गायब करने व गैर-न्यायिक हत्या पर रोक के प्रावधानों का.
मानवाधिकार संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह बलूचिस्तान में हो रहे इन अत्याचारों पर गंभीरता से ध्यान दे और न्याय तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र और प्रभावी तंत्र स्थापित करें.
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डीएससी/