वाशिंगटन, 4 अगस्त . अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-Pakistan के बीच संघर्ष विराम में मध्यस्थता कराने की बात फिर से दोहराई. इसके साथ ही ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने कई अन्य वैश्विक संघर्षों को सुलझाने में भी मदद की.
Sunday को ट्रंप ने अपनी social media साइट पर अमेरिकी रेडियो होस्ट और लेखक चार्लमैगने था गॉड की आलोचना की. उन्होंने कहा कि लेखक को उनके बारे में और उन्होंने जो कुछ भी किया है, उसके बारे में कुछ भी नहीं पता, जिसमें ‘5 युद्ध’ समाप्त करना भी शामिल है.
ट्रंप ने अपनी social media साइट ट्रुथ सोशल पर लिखा, “मैंने पांच युद्ध खत्म किए, जिनमें कांगो गणराज्य और रवांडा के बीच 31 साल का खूनी संघर्ष भी शामिल है, जिसमें 70 लाख लोग मारे गए और कोई समाधान नहीं दिख रहा था. इसके अलावा, India और Pakistan के बीच मध्यस्थता, ईरान की परमाणु क्षमता को नष्ट करना, खतरनाक खुली सीमा को बंद करना और सबसे शानदार अर्थव्यवस्था बनाना भी मेरे काम हैं.”
यह ताजा टिप्पणी व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट के उस बयान के कुछ दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी President ने अपने छह महीने के कार्यकाल के दौरान India और Pakistan के बीच के संघर्ष सहित दुनिया भर में कई संघर्षों को समाप्त किया है और इसके लिए उन्हें प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए.
उन्होंने व्हाइट हाउस प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “President ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया, इजरायल और ईरान, रवांडा और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, India और Pakistan, सर्बिया और कोसोवो के साथ-साथ मिस्र और इथियोपिया के बीच संघर्ष खत्म किए हैं. इसका मतलब है कि President ट्रंप ने अपने छह महीने के कार्यकाल में औसतन हर महीने एक शांति समझौता या संघर्ष विराम कराया है. अब समय आ गया है कि President ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाए.”
पिछले सप्ताह ऑपरेशन सिंदूर पर राज्यसभा में बहस के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा था कि 22 अप्रैल से 16 जून के बीच Prime Minister Narendra Modi और अमेरिकी President ट्रंप के बीच फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई थी.
चर्चा के दौरान जयशंकर ने स्पष्ट किया कि India और Pakistan के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की नीति को India स्वीकार नहीं करता. उन्होंने दोहराया कि कोई भी बातचीत केवल दोनों देशों के बीच होनी चाहिए और यह सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के माध्यम से औपचारिक संवाद पर निर्भर होगी.
विदेश मंत्री ने कहा कि ‘जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया तो कई देशों ने स्थिति को समझने के लिए संपर्क किया. लेकिन, हमने स्पष्ट संदेश दिया कि हम किसी बाहरी मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं हैं. India और Pakistan के बीच कोई भी मुद्दा आपसी बातचीत से सुलझाया जाएगा.
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पीएसके