New Delhi, 3 अगस्त . चैटिंग ऐप वॉट्सऐप की लेटेस्ट इंडिया मंथली रिपोर्ट के अनुसार, प्लेटफॉर्म पर दुर्व्यवहार और हानिकारक गतिविधियों को रोकने के अपने प्रयासों के तहत कंपनी ने जून के दौरान भारत में 98 लाख से ज्यादा अकाउंट बैन किए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से लगभग 19.79 लाख अकाउंट्स को यूजर्स की कोई भी शिकायत मिलने से पहले ही सक्रिय रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया.
अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाने के अलावा, वॉट्सऐप ने भारत में यूजर्स से प्राप्त शिकायतों पर भी कार्रवाई की.
इस महीने के दौरान, प्लेटफॉर्म को 23,596 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 1,001 अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की गई.
इन कार्रवाइयों में अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाना या शिकायतों की समीक्षा के बाद पहले से प्रतिबंधित अकाउंट्स को बहाल करना शामिल था.
अधिकतर शिकायतें बैन अपीलों से संबंधित थीं, जिनमें से 16,069 ऐसे मामले सामने आए, जिनमें से 756 अकाउंट्स पर कार्रवाई की गई.
रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी कैटेगरी में अकाउंट सपोर्ट, प्रोडक्ट सपोर्ट और सुरक्षा संबंधी मुद्दे शामिल थे.
वॉट्सऐप ने कहा कि कंपनी का दुरुपयोग का पता लगाने वाला सिस्टम अकाउंट रजिस्ट्रेशन के दौरान, मैसेजिंग के दौरान और नकारात्मक फीडबैक जैसे कि यूजर रिपोर्ट और ब्लॉक के साथ तीन चरणों में काम करता है.
कंपनी ने आगे कहा कि ‘रोकथाम’ उसका मुख्य फोकस है, क्योंकि हानिकारक गतिविधि होने से पहले रोकना, बाद में उसका पता लगाने से ज्यादा प्रभावी है.
प्लेटफॉर्म ने यूजर सेफ्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि कंपनी दुरुपयोग, गलत सूचना और सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन, सेफ्टी टूल और डेडिकेटेड टीम का इस्तेमाल करती है.
मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ने रिपोर्ट में कहा कि कंपनी साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने और इलेक्शन इंटीग्रिटी की रक्षा के लिए एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर काम करती है.
पिछले महीने, मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने दो नए टूल ‘स्टेटस एड्स’ और ‘प्रमोटेड चैनल’ पेश किए हैं.
डब्ल्यूएबीटाइंफो के अनुसार, स्टेटस एड्स इंस्टाग्राम स्टोरी एड्स की तरह काम करते हैं. अब, बिजनेस अकाउंट पेड कंटेंट पोस्ट कर सकते हैं, जो वॉट्सऐप यूजर्स के स्टेटस अपडेट में दिखाई देंगे.
ये एड्स दोस्तों और परिवार के स्टेटस अपडेट के बीच दिखाई देंगे, जिन पर एक स्पॉन्सर्ड लेबल होगा ताकि लोग उन्हें आसानी से विज्ञापन के रूप में पहचान सकें.
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एसकेटी/