राष्ट्रीय जलमार्ग-57 का पुनरुद्धार असम के लिए ऐतिहासिक क्षण : सर्बानंद सोनोवाल

New Delhi, 3 अगस्त . असम के नदी-आधारित व्यापार और सस्टेनेबल लॉजिस्टिक्स को फिर से शुरू करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. राष्ट्रीय जलमार्ग-57 (कोपिली नदी) पहली बार गोवर्धन पुल से दक्षिण समारा में हाटसिंगिमारी तक कार्गो ट्रायल रन के साथ चालू हो गया है.

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अनुसार, यह परिचालन एक दशक से भी अधिक समय के बाद असम में अंतर-राज्यीय जलमार्ग माल परिवहन के शुरू होने का प्रतीक है.

Union Minister सर्बानंद सोनोवाल ने इस विकास को असम और पूर्वोत्तर में अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन के लिए एक ‘महत्वपूर्ण क्षण’ बताया.

सेल्फ-लोडिंग क्षमता से लैस कार्गो वेसल एमवी वीवी गिरि ने कोपिली नदी (एनडब्ल्यू 57) और ब्रह्मपुत्र नदी (एनडब्ल्यू 2) पर 300 किलोमीटर के मार्ग पर स्टार सीमेंट से 300 मीट्रिक टन सीमेंट ढोया. इसकी यात्रा का समय लगभग 12 से 14 घंटे रहा.

Union Minister सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि इस विकास के साथ, असम में 1168 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय जलमार्ग चालू हो गए हैं.

Union Minister सोनोवाल ने कहा, “यह असम के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है. कोपिली नदी पर एनडब्ल्यू-57 के चालू होने से, हम न केवल राज्य के भीतर व्यापार के एक खोए हुए मार्ग को पुनर्जीवित कर रहे हैं, बल्कि एक अंतर्देशीय जल परिवहन प्रणाली के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम भी उठा रहे हैं, जो कि किफायती, कुशल और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ है.”

Union Minister ने आगे कहा, “असम के चार राष्ट्रीय जलमार्गों – ब्रह्मपुत्र (राष्ट्रीय जलमार्ग 2), बराक (राष्ट्रीय जलमार्ग 16), धनसिरी (राष्ट्रीय जलमार्ग 31) और कोपिली (राष्ट्रीय जलमार्ग 57) पर माल की आवाजाही फिर से शुरू होने के साथ, हमने 1168 किलोमीटर जलमार्गों को चालू कर दिया है, जो परिवहन का एक उचित, किफायती और प्रभावी वैकल्पिक साधन प्रदान करता है.”

Union Minister सोनोवाल ने कहा, “Prime Minister Narendra Modi के दूरदर्शी नेतृत्व में, India Government ने मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर बनाने के लिए हमारे अंतर्देशीय जलमार्गों के पुनरुद्धार पर जोर दिया है. इस संबंध में असम एक महत्वपूर्ण राज्य है क्योंकि हमारे मंत्रालय की नोडल एजेंसी इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईडब्ल्यूएआई) हमारे नदी मार्गों में अनेक परियोजनाओं पर काम कर रही है.”

2014 के बाद से 46 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय जलमार्ग-57 पर यह पहला कार्गो ट्रायल है, जो इसे असम की नदी प्रणालियों के माध्यम से अंतर-राज्यीय माल ढुलाई के पुनरुद्धार में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा.

इस मार्ग का संचालन मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 और पीएम गति शक्ति के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में सस्टेनेबल, इंटीग्रेटेड और कुशल ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना है.

एसकेटी/