राज ठाकरे ने फिर उठाया मराठी बनाम बाहरी का मुद्दा, मंच से कहा ‘कोई जमीन खरीदने आए तो बोलो हमें हिस्‍सेदारी दो’

नवी Mumbai , 2 अगस्त . Maharashtra नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने बाहरी और मराठी के मुद्दे को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. उन्‍होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि Gujarat में बाहरी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकता है, लेकिन Maharashtra में आकर कहीं से कोई भी जमीन खरीदता है और उद्योग चालू करता है.

राज ठाकरे ने कहा कि अब आगे से अगर कोई जमीन खरीदने आए तो आप अपनी जमीनें मत बेचना, बल्कि उनको बोलना कि हमें कंपनी में हिस्सेदारी दो और मराठी लोगों को काम पर रखो.

इस अवसर पर राज ठाकरे ने कहा कि मुझे पता चला है कि Maharashtra Government Governmentी खर्च पर Gujaratी साहित्य सम्मेलन करवाने जा रही है. Government ने जानबूझकर यह किया है ताकि हम इस पर प्रतिक्रिया दें और Government को राजनीति करने का मौका मिल जाए. हम अब Government के बहकावे में नहीं आएंगे, लेकिन जब हमें लगेगा कि Government Maharashtra को बर्बाद करने के लिए कदम उठा रही है, तब हम अवश्य आवाज उठाएंगे. आप सभी लोग जागृत रहिए और बारीकी से नजर रखिए कि आखिर Government कर क्या रही है.

उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर आरोप लगाते हैं कि हम हिंदी-मराठी का मुद्दा उठाकर बाहरी लोगों को परेशान करते हैं, लेकिन Gujarat से दो बार बिहारी लोगों को भगाया गया. वहां पर जिस व्यक्ति ने बिहारियों के खिलाफ आंदोलन किया और उन्हें मारकर राज्य के बाहर किया उसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी पार्टी में लेकर विधायक बना दिया. आप अपने राज्य को व्यवस्थित रख रहे हैं और दूसरे के राज्यों में अगर वे अपनी भाषा और संस्कृति को बचाने की बात करें तो उसे आप उसे बदनाम करते हैं.

उल्‍लेखनीय है कि हाल ही में Maharashtra में ‘मराठी बनाम हिंदी’ विवाद ने तूल पकड़ा था. इस दौरान मराठी नहीं बोलने को लेकर मनसे कार्यकर्ताओं ने उत्तर भारतीयों पर कई जगह हमला किया था, इन घटनाओं ने सियासी रंग ले लिया था.

एएसएच/जीकेटी