New Delhi, 2 अगस्त . बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उनके पास वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर एटम बम (सबूत) मिला है; वह जब फटेगा तो चुनाव आयोग कहीं नहीं दिखेगा. Union Minister राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने उनके बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि यह देश लोकतंत्र के हिसाब से चलता है. राहुल को गलतफहमी है कि देश उनके अनुसार चलेगा.
राहुल गांधी के आरोप पर Union Minister ने कहा कि चुनाव आयोग ने मतदाता सत्यापन के लिए 11 वैध दस्तावेज सूचीबद्ध किए हैं, जो संविधान के अनुरूप हैं. संविधान स्पष्ट करता है कि केवल भारतीय नागरिक ही वोट दे सकते हैं. संविधान किसी बाहरी या फर्जी मतदाता को वोट देने का अधिकार नहीं देता है. एसआईआर की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की गई है. अगर किसी को आपत्ति है कि उसका वोट कट गया है तो उसके पास एक माह का वक्त है, आपत्ति दर्ज करा सकता है.
ललन सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी पहले संविधान की किताब लेकर घूमते थे, संविधान की दुहाई देते थे, संविधान के अनुसार चलने की बात करते थे, लेकिन अब संविधान विरोधी बातें कर रहे हैं. क्या वह नहीं चाहते हैं कि देश का वैध मतदाता ही चुनाव की प्रक्रिया भाग लें. क्या वह गैर-नागरिकों या फर्जी मतदाताओं को वोटिंग का अधिकार दिलाना चाहते हैं. अगर वह ऐसा चाहते हैं तो उन्हें खुलकर अपनी बात कहनी चाहिए. क्योंकि जिस तरह से वह लगातार आयोग की निष्पक्षता पर सवाल कर रहे हैं, यह गुमराह करने का प्रयास है, देश की जनता उनके इस रैवये को देख रही है.
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस बयान पर Union Minister राजीव रंजन (ललन) सिंह ने पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि उनका वोट काटा गया. ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव ऐसी राजनीति करते हैं, उन्हें तथ्यों की कोई चिंता नहीं है. वह बिना तथ्यों के राजनीति करते हैं. जब चुनाव आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है, तो किसी के स्पष्टीकरण की क्या आवश्यकता है.
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत 1 अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी कर दी है.
इस सूची को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जारी किया गया, जहां मतदाता अपने नाम की जांच कर सकते हैं. ड्राफ्ट सूची में नाम जोड़ने, हटाने या सुधार के लिए दावे और आपत्तियां 1 सितंबर तक दर्ज की जा सकती हैं.
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डीकेएम/एएस