साहिबगंज, 2 अगस्त . झारखंड के साहिबगंज जिले में Saturday सुबह 31 लोगों से भरी नाव गंगा नदी में पलट गई. इस हादसे में चार युवक नदी में डूब गए, जिनमें से एक का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि तीन युवक अब भी लापता हैं.
यह घटना गंगा नदी थाना क्षेत्र के गदाई दियारा इलाके में सुबह करीब साढ़े सात बजे घटी, जब लोग नाव के सहारे गंगा पार कर रहे थे. बताया जा रहा है कि नाव पर सवार कुल 31 लोगों में से 28 किसी तरह तैरकर बाहर निकल आए, जबकि चार युवक गहरे पानी में डूब गए. स्थानीय युवकों ने नदी में डुबकी लगाकर काहा हांसदा नामक युवक को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. उसके साथ गए कृष्णा, जमाई और एक अन्य युवक का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है. ये चारों युवक आदिवासी समुदाय से हैं और बड़हरवा प्रखंड के बिंदुवासनी मंदिर के पास स्थित एक गांव के निवासी बताए जा रहे हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि ये सभी युवक रांगा थाना क्षेत्र से सुबह-सुबह चूहे पकड़ने के उद्देश्य से निकले थे. बारिश के मौसम में जब बिलों में पानी भर जाता है तो चूहे बाहर निकलते हैं और इसी मौके पर गांव के 17 युवक गंगा पार दियारा इलाके में पहुंचे थे. सुबह वे महाराजपुर घाट से नाव में सवार हुए और दियारा क्षेत्र पहुंचे, लेकिन लौटते समय नाव में आसपास के अन्य ग्रामीण भी सवार हो गए, जिससे नाव में कुल 31 लोग चढ़ गए. क्षमता से अधिक भार और गंगा के तेज बहाव के कारण नाव असंतुलित होकर बीच नदी में पलट गई.
हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई. जो लोग तैर सकते थे, वे किसी तरह किनारे तक पहुंच गए, लेकिन चार युवक गहरे पानी में डूब गए. स्थानीय लोगों की मदद से एक शव निकाला गया है; बाकी तीन की तलाश जारी है. सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू कराया. गोताखोरों की टीम नदी में लापता युवकों की तलाश कर रही है.
साहिबगंज के उपायुक्त हेमंत सती ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम को तत्काल पटना के बिहटा से बुलाया गया है, जो बाढ़ की स्थिति सामान्य होने तक जिले में डटी रहेगी. गृह मंत्रालय से इस संबंध में अनुमति प्राप्त हो चुकी है. एनडीआरएफ की टीम जान-माल की सुरक्षा के लिए पूरी तरह मुस्तैद रहेगी और गंगा में डूबे लोगों की तलाश के लिए राहत और बचाव कार्य में सहयोग करेगी.
घटना के बाद मृतक काहा हांसदा का शव जिला सदर अस्पताल लाया जा रहा है. इधर गांव में मातम पसरा हुआ है, परिजन और ग्रामीण गहरे सदमे में हैं. प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया गया है.
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एसएनसी/केआर