Mumbai , 1 अगस्त . भाजपा विधायक रामकदम ने मालेगांव विस्फोट मामले में बरी हुए आरोपियों को लेकर Friday को तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में दावा किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ‘भगवा आतंकवाद’ की परिभाषा गढ़कर हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिश की, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि, न्यायालय ने इन्हें अपने फैसले से जोरदार तमाचा मारा.
विधायक रामकदम ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सत्ता में रहते हुए हमेशा सनातन धर्म को धूमिल करने की कोशिश की. इन लोगों ने हमेशा से ही सनातन धर्म की गरिमा पर प्रहार किया. साथ ही, साध्वी प्रज्ञा को प्रताड़ित भी किया गया. साजिश के तहत हमारे कई नेताओं का नाम शामिल किया गया.
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, संघ के सरसंघचालक का भी नाम शामिल किया गया है. उन पर कई तरह के आरोप लगाए गए. कांग्रेस सनातन धर्म को उभार देने के मकसद से उठ रही आवाजों को दबाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे. हम कांग्रेस के इस ख्वाब को किसी भी कीमत पर मुकम्मल नहीं होने देंगे. सनातन धर्म हमेशा फलीभूत होता रहेगा.
रामकदम ने मालेगांव ब्लास्ट मामले के संदर्भ में आए कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि देर से ही सही, लेकिन आखिर हमें कोर्ट से न्याय मिला और कांग्रेस की उस सोच को भी जोरदार तमाचा लगा है, जिसके तहत उन्होंने सनातन धर्म की गरिमा पर प्रहार करने की कोशिश की थी.
उन्होंने दावा किया कि मालेगांव ब्लास्ट मामले की जांच कर रहे अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए, क्योंकि जिस तरह की जांच अधिकारियों की ओर से इस मामले के संदर्भ में की गई है, उससे उनकी भूमिका संदिग्ध नजर आती है. कांग्रेस के नेताओं ने इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की, मुझे लगता है कि अब ऐसे सभी नेताओं को सामने आना चाहिए. यही नहीं, कांग्रेस को अपने किए को लेकर देश के हिंदू समुदाय से माफी मांगनी चाहिए.
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एसएचके/डीएससी