New Delhi, 1 अगस्त . केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने Friday को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोला. उन्होंने राहुल गांधी के बयानों को India विरोधी बताया और कहा कि वह बार-बार India विरोधी बयान दे रहे हैं, जो सही नहीं है.
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही के पहले दिन से विपक्ष ने हंगामा करने का काम किया. विपक्ष की मांग पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की गई और सभी दलों ने इसमें हिस्सा भी लिया. जब एक विषय पर चर्चा खत्म हो जाती है तो अलग-अलग दलों की ओर से नोटिस दिए जाते हैं, लेकिन बहस शुरू होते ही वे वेल में आ जाते हैं. विपक्ष सदन को चलने नहीं देता और फिर आरोप लगाता है कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा. मैं इस झूठे आरोप की निंदा करता हूं कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा.”
किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी बार-बार India विरोधी बयान दे रहे हैं, जो सही नहीं है. यहां तक कि कई विपक्षी पार्टी के नेताओं ने भी इसकी निंदा की है. कोई भी India की अर्थव्यवस्था और छवि के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकता. राहुल गांधी कोई बच्चे नहीं हैं, यह हर भारतीय का कर्तव्य है, और विपक्ष के नेता के तौर पर उन्हें समझना चाहिए कि देश विरोधी बयान देना और संसद को बाधित करना सही नहीं है.”
Union Minister किरेन रिजिजू ने संसद की कार्यवाही के बारे में जानकारी देते हुए बताया, “दोनों सदनों को Monday तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. मैंने पहले भी कहा है कि इसका सबसे बड़ा नुकसान विपक्षी दलों के सदस्यों को उठाना पड़ रहा है. Government काम कर रही है, जनता के आशीर्वाद से, और Narendra Modi के नेतृत्व में Government मजबूती से चल रही है. मगर, संसद नहीं चलने से सबसे ज्यादा नुकसान विपक्षी सांसदों को हो रहा है. वे लोगों की आवाज और सवाल नहीं उठा पा रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा, “संसद न चलने से विपक्षी नेताओं के मुद्दे नहीं उठाए जा रहे, जिन नियमों के तहत मुद्दों पर चर्चा की अनुमति है, वे उन मुद्दों पर चर्चा नहीं करते.”
एसआईआर पर बहस की विपक्ष की मांग पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि Government नियमों के अनुसार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. एसआईआर पर चर्चा नहीं हो सकती, क्योंकि यह एक संवैधानिक संस्था द्वारा की जाने वाली प्रक्रिया है और यह पहली बार नहीं हो रहा है.”
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