New Delhi, 1 अगस्त . केंद्र सरकार ने संसद को बताया कि 2025 में भारत के 10 राज्यों में पशुओं में लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) के मामले सामने आए हैं.
यह एक संक्रामक वायरल रोग है, जो पशुओं के स्वास्थ्य और दुग्ध उद्योग पर गंभीर प्रभाव डालता है. इस रोग के लक्षणों में त्वचा पर गांठें, बुखार, लिम्फ नोड्स में सूजन, दुग्ध उत्पादन में कमी और चलने में कठिनाई शामिल है.
राज्यसभा को लिखित जवाब में मत्स्य, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने बताया कि 24 जुलाई तक आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, गुजरात, मध्य प्रदेश, असम, मिजोरम, महाराष्ट्र और कर्नाटक में एलएसडी के मामले दर्ज किए गए हैं. वर्तमान में केवल महाराष्ट्र में सक्रिय मामले हैं, जबकि गुजरात में आठ जिलों में 300 पशु इस रोग से प्रभावित हैं.
मंत्री ने बताया कि साल 2022 से अब तक 28 करोड़ से अधिक पशुओं को एलएसडी टीका लगाया जा चुका है. सबसे ज्यादा टीकाकरण उत्तर प्रदेश में (4.6 करोड़), इसके बाद महाराष्ट्र (4.13 करोड़) और मध्य प्रदेश (3 करोड़) में हुआ है. यह रोग मुख्य रूप से मच्छरों, टिक्स और अन्य काटने वाले कीड़ों के जरिए फैलता है.
पिछले दो वर्षों में देशभर में करीब 2 लाख पशुओं की मौत एलएसडी से हुई है और लाखों पशुओं का दूध उत्पादन प्रभावित हुआ है. केंद्र सरकार ने राज्यों को टीकाकरण और रोग नियंत्रण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है.
मंत्री ने बताया कि पशु स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी) के तहत 2024-25 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 196.61 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं.
महाराष्ट्र और गुजरात में हाल के मामलों ने दुग्ध उद्योग के लिए चिंता बढ़ा दी है. सरकार ने राज्यों को टीकाकरण अभियान तेज करने और कीट नियंत्रण के उपाय लागू करने के निर्देश दिए हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर टीकाकरण और जागरूकता से इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है. केंद्र और State government ें मिलकर इस चुनौती से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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एमटी/केआर